Saturday, December 14, 2024

बहनों के विरोध के बावजूद 63 वर्षीय महिला ने गरीब रिक्शाचालक को दान की करोंड़ों की प्रॉपर्टी, जानिये पूरी सच्चाई

कहते हैं ‘जो बोएगा वही काटेगा…..’ इस कहावत का प्रबल उदाहरण कोई और नहीं बल्कि तस्वीर में दिख रहा ये शख्स है। इसका नाम बुधा समल है जो ओडिशा के कटक शहर के सुताहत इलाके में एक किराए के मकान में रहता है। कुछ दिनों पहले तक बुधा एक रिक्शाचालक था और आर्थिक तंगी से जूझ रहा था लेकिन अब उसकी किस्मत बदल गई है। हाल ही में उसकी मुंह बोली मां और मकान मालकिन मिनाती पटनायक ने अपनी करोंड़ों की प्रॉपर्टी उसके नाम कर दी है।

बता दें, सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से यह मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। हर कोई बुधा और मिनाती के रिश्ते की ताऱीफ में कसीदे पढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच मां-बेटे से भी गहरा रिश्ता है। यही वजह है कि मिनाती ने अपनी सारी प्रापर्टी बुधा के नाम कर दी है।

1994 में खरीदा था मकान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1994 में मिनाती और उनके पति कृष्णा पटनायक शादी करके इस इलाके में रहने के लिए आए थे। उस वक्त उन्होंने यह मकान बड़े ही सस्ते दामों में खरीदा था। वहीं, उन्होंने बुधा की मां को अपने घर काम पर रख लिया था और उसे नीचे का पोर्शन किराए पर दे दिया था।

बुधा तभी से मिनाती और कृष्णा की बेटी को अपने रिक्शा से स्कूल से लाया-जाया करता था। धीरे-धीरे वह उनके परिवार में घुलने-मिलने लगा। वहीं, मिनाती भी बुधा को अपने बेटे की तरह ही मानती थीं।

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बुजुर्ग महिला पर टूटा दुखों का अंबार

रिपोर्ट्स के अनुसार, मिनाती पर जब पिछले साल दुखों का अंबार टूटा तब उनके अपनों ने भी उनका साथ छोड़ दिया था लेकिन बुधा ने अपनी मुंहबोली मां का साथ नहीं छोड़ा। पिछले साल मिनाती के पति कृष्णा पटनायक का कैंसर की बीमारी से जूझते हुए निधन हो गया था। वहीं, जनवरी के माह में उनकी बेटी की आग की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मिनाती पूरी तरह से टूट गई थीं। उस वक्त उन्हें परिवार की जरुरत थी लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। ऐसे में बुधा ने अपनी मुंहबोली मां का सहारा बना। उसने और उसके परिवार ने उनकी देखभाल का पूरा जिम्मा उठाया।

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लिखित तौर पर बनाया वारिस

बुधा की पत्नी रोज़ उनकी सेवा करती, उन्हें खाना खिलाती। इसके अलावा बुधा उनके पैर दबाता और उन्हें दवा खिलाता। दोनों निस्वार्थ भाव से 63 वर्षीय मिनाती की सेवा में व्यस्त रहते। इससे बुजुर्ग महिला को भी अपने परिवार की कमी खलना बंद होने लगी थी।

ऐसे में मिनाती ने अपनी पूरी प्रापर्टी बुधा के नाम करने का फैसला लेकर सभी को हैरत में डाल दिया। उसके इस निर्णय का उसकी बहनों ने भी विरोध किया लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी।

गौरतलब है कि, मिनाती ने आधिकारिक तौर पर बुधा के नाम अपना दो मंजिला मकान और 300 ग्राम सोना कर दिया है। अब वह लिखित रुप से बुधा को अपना वारिस मान चुकी है।

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