स्टाइल और हैंडसम लुक की बात की जाए तो आज के अभिनेताओं को चेहरा दिखने वाला वह 90 के दशक का अभिनेता देवानंद एक अलग पहचान के साथ फिल्म इंडस्ट्री में आया था. मशहूर अभिनेता देवानंद का जन्म 26 सितम्बर 1923 में शंकरगढ़ गुरुदासपुर पंजाब में हुआ था, जो इस समय पकिस्तान का हिस्सा है. देवानंद एक माध्यम वर्गी परिवार से नाता रखते थे, काम की तलाश में आये देवानंद की किस्मत कुछ यूँ रंग लाइ की हिंदी सिनेमा जगत को केहेर बरपाने वाला अभिनेता मिला.
जेब में 30 रूपए लेकर आये थे मुंबई
देवानंद न सिर्फ एक अभिनेता थे बल्कि लेखक, निर्देशक, और निर्माता भी थे, काम की तलाश में मुंबई आये अभिनेता देवानंद पहले Millitary Censor में भी काम चुके थे. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते को जेब में 30 रूपए लेकर मुंबई आये देवानंद का सफर कुछ आसान नहीं था. देवानंद ने फिल्म इंडस्ट्री में पहला कदम फिल्म ‘हम एक है’ से रखा था, हालाँकि फिल्म फ्लॉप रही थी, लेकिन फिल्म के दौरान उनकी मुलाकात गुरुदत्त से हुई थी जो बॉलीवुड में अपना नाम बतौर कोरियोग्राफर बनाना चाहते थे. कुछ समय बाद अशोक कुमार ने उन्हें 1948 में आयी अपनी फिल्म जिद्दी में काम करने का मौका दिया, बस वहीँ से देवानंद ने बॉलीवुड में अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी थी.
क्यों लगाई थी कोर्ट ने देवानंद के सूट पर पाबंदी
देवानंद के लुक की बात की जाए तो आज के अभिनेता उनके सामने कुछ भी नहीं. देवानंद अपने ज़माने के सबसे हैंडसम और कीर्तिमान अभिनेता थे. की देवानंद काले सूट में इतने सूंदर लगते थे, की दुनिया पर कहर बरपाते थे. देवानंद की एक्टिंगके चर्चो उनका कला कोट भी काफी लोकप्रिय था. देवानंद को सफ़ेद शर्ट और काला कोट में देखकर लड़कियां उनकी दीवानी हो जातीं थीं, और उनके लिए कुछ भी करने को तैयार रहती थी.
देव साहब को काले कोट में देख कर लड़कियां छत से छलांग लगाने को भी तैयार रहतीं थी, और इन्ही सब वख्याय के चलते कोर्ट ने देव साहब के काले कोट पर पाबंदी भी लगा दी थी. एक रिपोर्ट के अनुसार फिल्म काला पानी के हिट होने के बाद फिल्म की मुख अभिनेत्री मधुबाला और नलिनी जयवंत ने बताया था की देव काले कोट में इतना सुंदर लग रहा था कि उसके लुक से मंत्रमुग्ध होकर एक लड़की ने कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली! ऐसी भी खबरें थीं कि युवा लड़कियों ने इमारतों से छलांग लगा दी है, बस मैटिनी की मूर्ति की एक झलक है.