Thursday, May 2, 2024

‘माँ में जज बन गयी ‘ – इंदौर में सब्जी बेचने वाले की बेटी बनी जज , ठेले पर खड़ी माँ को बताया रिजल्ट

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‘कौन कहता है कि आसमान में सुराख नही हो सकता , एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो यह कहावत इंदौर के मूसाखेड़ी के पास सीताराम पार्क कॉलोनी में रहने वाली एक बेटी अंकिता नागर पर बिल्कुल सही बैठती है अंकिता नागर के पिता परिवार पालने के लिए सब्जी बेचने का काम करते हैं कभी-कभी अंकिता भी उनकी मदद करने के लिए ठेले पर आकर हाथ बटाती है।

29 साल की अंकिता नागर अब सिविल जज बन गई है ( Ankita Success Story ) आखिर गरीब परिवार की इस बेटी की मेहनत रंग लाई है और उन्होंने न्यायाधीश बनने का रास्ता तय कर लिया है

माता पिता बेचते है सब्जी

परिवार के पास महंगी कोचिंग के पैसे नहीं थे लेकिन उन्होंने सब्जी बेच कर बेटी को पढ़ाया और उसके सपनों को उड़ान दी । अंकिता के पिता का नाम अशोक नागर है और माँ लक्ष्मी । एक भाई रेत मंडी में मजदूरी करता है। बेटी ने घर की स्थिति देखते हुए खूब मेहनत की और सिविल जज बन गई है । अंकिता नागर ने एस सी कोटे में पांचवा स्थान प्राप्त किया है । अब जो भी अंकिता नागर की कहानी सुन रहा है वह हैरान है कि सीमित संसाधनों के बावजूद बेटी ने यहां तक का सफर तय कर लिया है

माता पिता की करती थी ठेले पर मदद

अंकिता नागर के पिता अशोक नागर और मां लक्ष्मी सब्जी का ठेला लगाते हैं पिता सुबह जल्दी जाकर सब्जी ले आते हैं और फिर सारा दिन ठेले पर सब्जी बेचते हैं जब भी अंकिता को पढ़ाई से समय मिलता वह माता पिता की मदद करने के लिए खेले पर आ जाती और सब्जी बेचने में मदद करती ।

आसान नही था सफर

देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक जज बनना अंकिता नागर के लिये आसान नही था।  लेकिन माता पिता के सपने को पूरा करने के लिए अंकित ने जी-जान लगा दी । अंकिता इससे पहले दो बार परीक्षा दे चुकी थी और दोनों बार असफल रही । इस बार ये उसका तीसरा प्रयास था । 29 अप्रैल को जब रिजल्ट आया तो अंकिता सीधे माता पिता के पास उसी ठेले पर पहुंची जहां वह अक्सर उनका हाथ बटाने पहुंच जाती है । माँ को गले लगाकर अंकिता ने बताया कि वह जज बन गयी है ।

Pic Source – Naidunia

फार्म भरने के पैसे नही थे

अंकिता ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि जिस दिन उसे एग्जाम फार्म भरना था उस दिन घर मे पूरे पैसे नही थे । माँ ने कहा कि थोड़ी देर रुको सब्जी बिकेगी तो पैसे आएंगे । और उसके बाद जो हुआ वो इस परिवार के लिए अब तक की सबसे बड़ी खुशी देने वाला पल बन गया ।

टीचर्स और दोस्तो को दिया धन्यवाद

एलएलबी और एलएलएम कर चुकी अंकिता ने अपनी सफलता के लिये माता पिता के अलावा अपने टीचर्स और दोस्तो को भी धन्यवाद कहा है । उन सब की मदद से ही वो सिविल जज बनकर अपने घरवालों के सपने को पूरा कर पायी है

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