1990 में महेश भट्ट ने अपनी म्यूजिकल – रोमांटिक फ़िल्म से भारतीय दर्शको का दिल जीत लिया था। उनकी फ़िल्म आशिकी के गाने लोगों को रोमांटिक मूड में ले जाते थे। इस फ़िल्म से महेश भट्ट ने एक नई जोड़ी को लांच लिया था जिन्हें दर्शकों का बेशुमार प्यार मिला। वो जोड़ी थी राहुल रॉय और अनु अग्रवाल की।
लोग आशिकी फ़िल्म से प्रभावित होकर हीरो-हेरोइन को फॉलो करते हुए उनके जैसा हेयर स्टाइल करवाने लगे थे। आज हम उसी अभिनेत्री अनु अग्रवाल की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने पहली ही फ़िल्म से लाखों फैन्स बना लिए थे। रातोंरात स्टार बनने के बाद उनके पास रोज कई फिल्मों के ऑफर आने लगे।
द क्लाउड डोर में निर्व-स्त्र नजर आयी थी अनु अग्रवाल
आशिकी के बाद उनकी जितनी भी फिल्में आईं वे उतनी सफल नही रही और ना ही अनु अग्रवाल के करियर में उछाल आया। वर्ष 1994 में उन्होंने एक ऐसी फिल्म की जिसके दृश्यों में वे निर्व#स्त्र नज़र आईं।
यहाँ बात हो रही है अनु अग्रवाल के करियर की पाँचवीं फ़िल्म ‘द क्लाउड डोर’ की जिसे हिंदी में बादल द्वार के नाम से निर्मित किया गया था। यह एक इंडो-जर्मन फ़िल्म थी। इस फ़िल्म को नेशनल अवार्ड विनर निर्देशक मनी कॉल ने निर्देशित किया था। द क्लाउड डोर को अन्य इरोटिक फ़िल्म के साथ संकलित करके ‘इरो*टिक टेल्स’ नाम से प्रस्तुत किया गया था। रेजिना जिगलर और ललिता कृष्णा इसके निर्माता थे।
निभाया था राजकुमारी का किरदार
अनु अग्रवाल ने इस इरॉटिक फ़िल्म में एक राजकुमारी का किरदार निभाया था। 29 मिनट लंबे इस फ़िल्म के एक प्रमुख सीन के लिए अनु को अपने प्राइ-#वेट पा#र्ट्स दिखाने पड़े थे। मनी कॉल ने इस फ़िल्म के कहानी की रचना तीन साहित्यिक कृतियों से प्रेरणा लेकर किया था।
फ़िल्म के एक सीन में राजकुमारी को अपने प्रेमी के साथ अंत*रंग होना था। उस सीन के लिए अनु अग्रवाल और उनके सह-कलाकार को मनी कॉल ने अच्छे से तैयार किया था। यह इरो*टिक कहानी थी इस कारण फ़िल्म में सीन की ज़रूरत थी जिसे निर्देशक ने अपने अंदाज में दिखाया।
फ़िल्म में ऐसे दृश्य होने के कारण यह भारत में आम दर्शकों के लिए उपलब्ध नही हो पाई। अनु अग्रवाल के फैन्स इस बात से अनजान थे कि उन्होंने ऐसी भी कोई फ़िल्म की होगी। इसके बाद वे देवानन्द की ‘रिटर्न ऑफ ज्वेल थीफ’ और विनोद खन्ना की ‘जन्म कुंडली’ जैसी फिल्मों में नज़र आई। जन्म कुंडली में उन्होंने विनोद खन्ना के साथ एक रोमांटिक गाने में इंटिमेट सीन भी दिए थे। 1999 में हुए एक कार एक्सीडेंट में अनु कोमा में चली गई थी। और इसी के साथ उनका फिल्मी करियर भी समाप्ति की ओर चल पड़ा।