बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता संजय दत्त इन दिनों अपनी सुपरहिट फिल्म केजीएफ 2 को लेकर चर्चाओं में बने हुए हैं। इस फिल्म में एक्टर को अधीरा के किरदार में देखा गया है जिसे दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है।
इन दिनों संजय अपनी सुपरहिट फिल्म केजीएफ 2 के प्रमोशन में व्यस्त हैं। हाल ही में एक्टर मशहूर यूट्यूबर रणबीर अल्लाहबादिया के टॉक शो पर पहुंचे थे। इस दौरान दत्त ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ का जिक्र किया। उन्होंने अपने काम के साथ-साथ उनके निजी जीवन की परेशानियों और तकलीफों के बारे में भी बात की।
कैंसर पीड़ित थे संजय
एक्टर ने बताया कि जब उन्हें कैंसर के बारे में पता चला था तब उनका रिएक्शन काफी अजीब था। बता दें, संजय हाल ही में कैंसर से ठीक हुए हैं। कोरोनाकाल के दौरान जब दुनिया कोविड-19 से जूझ रही थी उस वक्त संजय कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से हाथापाई कर रहे थे।
बाबा ने बताया कि रोज़ की तरह वह एक नॉर्मल दिन था। उन्होंने सुबह उठकर नहाया था और वे जीने चढ़कर ऊपर जा रहे थे। तभी अचानक से उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी। उन्होंने अपने फैमिली डॉक्टर को फोन किया। उन्होंने आकर कुछ टेस्ट्स किए तो पाया कि एक्टर के फेफड़ों में पानी भरा हुआ था। अब उनके सामने चुनौती थी कि इस पानी को कैसे भी करके बाहर निकाला जाए।
संजय ने बताया कि अब तक वे सभी यही मानकर चल रहे थे कि उन्हें टीबी की बीमारी हुई है। लेकिन जब रिपोर्ट्स आईं तो वे बुरी तरह से हिल गए थे। डॉक्टर्स ने एक्टर को बताया कि वे कैंसर से पीड़ित हैं। यह सुनकर उनके होश उड़ गए थे।
एक्टर ने अपना एक्सपीरिएंस साझा करते हुए बताया था कि वे घंटों अपनी पत्नी और बच्चों के सामने बैठकर रोए थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अगर उन्हें कुछ हो जाता है तो इनका क्या होगा?
राकेश रौशन ने की थी इलाज में मदद
मालूम हो, इस बुरे समय में संजय की मदद ऋतिक रौशन के पिता राकेश रौशन ने की थी। इस बात का खुलासा दत्त ने खुद किया था। उन्होंने बताया था कि फिल्म निर्माता ने एक्टर के बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर की सिफारिश की थी। पहले उनका परिवार अमेरिका में जाकर इलाज करवाना चाहता था लेकिन जब उन्हें वीज़ा नहीं मिला तो उन्होंने मुंबई में रहकर ही कैंसर को मात देने का फैसला किया।
इच्छाशक्ति से हराया गंभीर बीमारी को
एक्टर ने बताया कि डॉक्टर्स ने उन्हें चेतावनी दी थी की कीमोथैरेपी के दौरान उनके बाल भी चले जाएंगे, उन्हें तकलीफ भी होगी। इसपर संजय ने हर चुनौती को स्वीकार करने के निर्णय लिया। वे कीमो के बाद घंटों मेहनत करते थे। कभी वे वॉलीबॉल कोर्ट में अपना समय गुज़ारते थे तो कभी जिम में। इस सबका नतीजा ये रहा कि फिल्म इंडस्ट्री के जुझारु अभिनेता ने कैंसर को मात देने में कामयाबी हांसिल की।