वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद जोरो पर है । इसी बीच चर्चा में अब कुतुबमीनार भी आ गयी है । पूर्व में भी कई बार इसे लेकर हंगामा हो चुका है जब कुतुबमीनार के नीचे मंदिर के अवशेष बताए गए थे । काफी लोगो का ऐसा मानना है कि कुतुब मीनार विष्णु स्तंभ है और वहां पर अभी भी कई हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद है ।
इस मामले में अब नया बयान केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जलशक्ति राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल का आया है । उन्होंने दावा किया है कि कुतुब मीनार बनाने वाले खुद लिखकर गए है कि इसे 27 हिन्दू मंदिर तोड़कर बनाया गया है।
न्यूज एजेंसी को बात करते हुए प्रह्लाद पटेल ने कहा कि अयोध्या काशी और मथुरा देश के स्वाभिमान से जुड़े हुए स्थान है । कानून बाद में 1991 में आया ।
पटेल ने आगे कहा कि कुतुब मीनार बनाने वालों ने उसपर फ़ारसी में लिखा है कि इसे बनाने के लिए 27 मंदिर तोड़े गए। ये भारत सरकार या एएसआई ने नही लिखा है ।
प्रह्लाद पटेल ने कहा कि संस्कृति मंत्री रहते हुए वे वहां गए और फ़ारसी में लिखे हुए को अंग्रेजी और हिंदी में लगवाने का आदेश दिया । जो आलोचना करते है वह देख ले कि ऐसा खुद बनवाने वालो ने लिखा है । हम सैकड़ो सालों से इस कलंक को ढो रहे है । ऐसा दुस्साहस किसी और देश में होता तो टिक नही पाता ।
क्या है विवाद
दरअसल कई हिन्दू संगठनों का मानना है कि कुतुबमीनार के निर्माण के लिये 27 हिन्दू और जैन मंदिरों को तोड़ा गया । इसकी पुष्टि वहां के शिलालेख भी करते है । संगठनों का मानना है कि वहां पर अभी भी खंडित मूर्तिया और शिलालेख है जोकि अपमानित हो रहे है । बताया जाता है कि परिसर में मौजूद एक गणेशजी की प्रतिमा उल्टी लगी हुई है वही एक अन्य प्रतिमा को पिंजरे में दिखाया गया है .