आज के समय में ऑनलाइन खाना मंगाना एक आम बात है. बहुत सारे लोग अपनी पसंद की चीजें खाने के लिए ऑनलाइन आर्डर करते हैं और डिलीवर बॉय आपका पसंदीदा भोजन आपको आपके घर तक डिलीवर कर देता है. लेकिन क्या हो अगर आपके द्वारा आर्डर की गई चीज की जगह कोई दूसरी चीज आ जाए. आपने पनीर मंगाया और चिकन आ गया जबकि आपके घर में कोई चिकन खाता ही नहीं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें कोर्ट ने 20 हजार का जुरमाना लगाया दिया है. आइये जानते है पूरा मामला..
मटर पनीर की जगह चिकन करी
ये मामला है मध्यप्रदेश के शहर ग्वालियर का जहाँ पर एक शाकाहारी परिवार ने खाने के लिए मटर पनीर का आर्डर दिया। जिस रेस्टोरेंट को आर्डर दिया उसका नाम था जीवाजी क्लब और इस पैकेज को जोमेटो द्वारा डिलीवर किया गया था. मटर पनीर आर्डर करने के बाद जब खाना घर आया तो डिब्बा खोलते ही परिवार के होश उड़ गए.
क्योंकि उसमें मटर पनीर की जगह चिकन करी मिली. जिसे देख पूरा परिवार आग बबूला हो गया और हो भी क्यूँ न परिवार अंडे तक को हाथ नहीं लगाता हो उनके हाथ में चिकन करी आ जाये. तो ये बात तो उनके धार्मिक भावना को आहत करती है.
चिकन करी देख भूखा रहा परिवार
मटर पनीर की जगह चिकन आ जाने से परिवार का मन खराब हो गया. खबर के मुताबिक परिवार ने कुछ दिनों तक कुछ भी नहीं खाया. उनके मन को बहुत आघात लगा क्योंकि वो परिवार पूरी तरह से शुद्ध शाकाहारी था. इस परिवार ने चिकन को देखकर काफी अफ़सोस जताया. परिवार को इस बात पर यकीन ही न रहा था कि कैसे कोई रेस्टोरेंट इतनी बड़ी गलती कर सकता है. इसके बाद इन्होनें उपभोक्ता फोरम में मामले की पूरी जानकारी दी.
लगा जुर्माना
परिवार के लोगों ने रेस्टोरेंट के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में याचिकार दायर कर दी और रेस्टोरेंट पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके साथ फोरम ने कहा की यह सर्विस की कमी है और ऐसे काम होने से पता चलता है की सर्विस में ही खराबी है. फोरम ने कहा की इस घटना से परिवार शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंची है और इसलिए जुर्माना भरा जाए.
केस लड़ने की फीस भी देंगे
उपभोक्ता फोरम ने यह भी फैसला सुनाया की केस लड़ने की जो भी फीस होगी वो भी शिकायतकर्ता परिवार को प्रदान की जाएगी। लड़े गए मुदकमे की कीमत का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने शिकायतकर्ता को पूरी तरह से आश्वस्त किया। साथ ही साथ रेस्टोरेंट पर लापरवाही के लिए जुर्माना लगाया गया है.
आपको बता दें की यह घटना ग्वालियर में रहने वाले सिद्धार्थ श्रीवास्तव के साथ हुई थी. सिद्धार्थ जीवाजी क्लब के स्थायी सदस्य और पेशे से अधिवक्ता हैं. उनकी शिकायत के बाद फोरम में क्लबर पर जुर्माना लगाया था.