मंगोलपुरी दिल्ली से एक विचलित करने वाली खबर सामने आयी है। चाइनीज मांझा से एक 23 साल के युवक की जान चली गई । युवक बाइक पर सवार होकर एलिवेटेड फ्लाई ओवर से गुजर रहा था।
मृतक का नाम सौरभ दाहिया है ।युवक अभी पढ़ाई के साथ साथ सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। रविवार को जब युवक अपनी बुलेट मोटरसाइकिल पर कहीं जा रहा था तो किसी उड़ती पतंग का मांझा उसके गले मे अटक गया । जिससे उसे गहरी चोट आई और गले मे गहरा जख्म हो गया।
महिला ने की मदद तो बाकी वीडियो बनाते रहे
जब सौरभ अधिक खून निकल जाने के कारण सड़क पर तड़फ रहा था तो अधिकतर लोग वीडियो बनाते रहे । एक महिला मदद के लिए सामने आई । उसने सौरभ के गले में कपड़ा लपेटकर खून रोकने की कोशिस की ।
इस दौरान किसी ने पुलिस बुला ली जिसके बाद सौरभ को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अधिक खून निकल जाने के कारण युवक को बचाया नही जा सका।
एकलौते बेटे थे सौरभ
सौरभ अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे । परिवार में माता पिता और बड़ी बहन है । बहन शादीशुदा है। ग्रेजुएशन के बाद सौरभ सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे । उनके पिता एक फैक्ट्री में नौकरी करते है ।
मंगोलपुरी पुलिस जांच कर रही है कि चाइनीज़ मांझे का प्रयोग कर कौन व्यक्ति पतंग उड़ा रहा था। हालांकि उस दिन सैकड़ों पतंगे उड़ रही थी तो यह पता लगा पाना बड़ा मुश्किल है। आस पास के सीसीटीवी चेक किये जा रहे है।
चाइनीज मांझा से हर साल जाती है कई जान
चाइनीज मांझे की चपेट में आने से हर साल कई लोग गंभीर रूप से घायल होते है तो कई को जान गवानी पड़ती है। मकर संक्रांति और 15 अगस्त के दिन देश के विभिन्न हिस्सों में पतंगे खूब उड़ाई जाती है । जिसमे चाइनीज मांझे के प्रयोग से ये गंभीर दुर्घटना हो जाती है।
प्रतिबंध के बावजूद बिक रहा है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा 2017 में ही बेन कर दिया गया था ।चाइनीज मांझा पतंग उड़ाने के अन्य मांझा की तरह धागे से नही बनता है । इसे प्लास्टिक का मांझा भी बोला जाता है । स्ट्रेचेबल होने के कारण यह आसानी से नही टूटता है। इसे बनाने में नायलॉन , कांच और मेटल का प्रयोग किया जाता है ।
पतंगबाजी के शौकीन लोग इसे दूसरों की पतंग काटने के लिए प्रयोग करते है लेकिन यह शौक किस कदर जानलेवा साबित होता है कि हर साल कई लोगो की जान चली जाती है। धातु का प्रयोग होने के कारण यह बिजली का भी संवाहक होता है जिससे कई बार बिजली के तारों में उलझने से करंट उतरकर यह जानलेवा हो जाता है।
चाइनीज मांझे पर 2017 में बेन लगाया गया है लेकिन फिर भी चोरी छिपे इसे खूब बेचा जाता है । अधिकतर यह मांझा चीन से आयात किया जाता है इसलिए इसे चाइनीज मांझा कहा जाता है। प्रसाशन की शख्ती के बावजूद दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में इसे चोरी छिपे बेचा जाता है ।
पाठकों से हमारा अनुरोध है कि इस मांझे का प्रयोग न खुद करे और न दुसरो को करने दे। इसकी बिक्री से संबंधित सूचना प्रसाशन को अवश्य दे ताकि किसी की जान न जाये। जनहित में इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करे।
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