बॉलीवुड में जब कभी भी अमर प्रेम कहानियों की बात होगी तो सुपरस्टार दिलीप कुमार और सायरा बानो का नाम ज़रूर लिया जाएगा। अपने प्रेम के लिए मशहूर इस जोड़ी ने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया। बेशक दिलीप साहब की उम्र सायरा से बड़ी थी लेकिन प्यार बेइंतहा था और दोनों ने एक दूसरे को बहुत प्रेम किया।
एक समय ऐसा आ गया था जब दिलीप साहब से शादी करने ले लिए सायरा बानो मरी जा रहीं थीं लेकिन दिलीप साहब इसके लिए तैयार नहीं थे. फिर उन्होंने जो कुछ कहा वो पढ़ने लायक़ है.
पीछा छुड़ाने का किया था प्रयास
दिलीप साहब और सायरा बानो की उम्र में काफी अंतर था. दिलीप साहब सायरा से उम्र में बड़े थे और नहीं चाहते थे कि सायरा बानो उनके साथ विवाह करें इसलिए दिलीप साहब ने सायरा बानो को सीधा मना करने की वजाय अपने सफ़ेद होते बालों का हवाला दे दिया। दिलीप साहब ने कहा कि मेरे सफ़ेद बाल देख लो फिर प्यार की बात करना।
दो-दो प्यार में निराश हो चुके दिलीप कुमार के मन में कुछ और ही बात चल रही थी इसलिए उन्होंने सायरा को ऐसी बात कही थी. हालाँकि इसके बाद दोनों ने शादी की थी और सायरा अंतिम समय तक दिलीप साहब की पसंद और हर नापसंद का बराबर ख्याल रखती रहीं।
सीखी उर्दू और फ़ारसी
सायरा बानो दिलीप साहब से इस कदर मोहब्बत करती थीं की उन्होंने दिलीप साहब के लिए उर्दू और फ़ारसी तक सीख डाली थी. ये होता है इश्क़ और प्यार। सायरा बानो सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक दिलीप साहब की हर छोटी बड़ी पसंद का ध्यान रखती थीं. एक समय आया जब दिलीप साहब बोल नहीं पाते थे तो सायरा उनकी आवाज बनीं और जहाँ भी दिलीप साहब को बुलाया जाता सायरा उनके साथ मंच तक जाती थीं. आज दिलीप साहब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन इन दोनों की प्रेम कहानी अमर है.
अपने समय के सुपरस्टार रह चुके दिलीप कुमार ने जब इस दुनिया को अलविदा कहा था तब लाखों करोड़ों दिल एक साथ रोए थे. सायरा बानो ने दिलीप साहब से बेइंतहा मोहब्बत की और हमेशा उनका ख्याल रखा. उम्र के अंतिम पड़ाव तक सायरा बानो ने दिलीप साहब का हाथ थामे रखा और उन्हें सपोर्ट करती रहीं।
दिलीप साहब और सायरा बानो ने इस बात को झुठला दिया की प्यार करने की एक उम्र होती है. इनकी मोहब्बत ने लोगों को सिखाया की प्रेम के दौरान उम्र नहीं देखी जाती।