डॉ सुरेश चन्द नागर (Dr Suresh Chand Nagar ) वर्तमान में भाजपा में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य है और अमरोहा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के संभावित उम्मीदवार है। डॉ सुरेश चंद नागर लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आर एस एस ) से सक्रिय रूप से जुड़े है । अपनी नेतृत्व क्षमता और लोकसभा क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने के लिए जाने जाते है।
वर्तमान में डॉ सुरेश चंद नागर सुप्रीम कोर्ट एवं अन्य जिला न्यायालयों में वकालत करते है और सक्रिय रूप से समाजसेवा एवं राजनीति से जुड़े है । इनका मानना है कि राजनीति इनके लिए समाजसेवा का ही एक माध्यम है।परिवार की बात करे तो पत्नी श्रीमती सावित्री नागर गृहिणी है और 2 पुत्र है जोकि उच्च शिक्षित है। बड़े बेटे कुलदीप नागर बिल्डर है एवं छोटे बेटे अभिषेक नागर स्पाइस जेट एयरलाइन्स में पायलट है ।
डॉ सुरेश चंद नागर क्योंकि खुद एक किसान परिवार में जन्मे है तो किसानों एवं मजदूर वर्ग को लेकर संघर्षरत रहते है । इन्होंने कई बड़ी महारैली का आयोजन कर किसानों की मांगों एवं आवाज को बुलंद किया है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की समस्याओं के लिए लगातार आवाज उठाने एवं सहयोग करने में आगे रहे है।
डॉ सुरेश चन्द नागर का जीवन परिचय (Dr Suresh Chand Nagar Biography )
1 अप्रैल 1955 को ग्राम दुजाना के आर्यसमाजी गुर्जर परिवार में जन्मे सुरेश चन्द नागर के पिता स्व चौधरी घासीराम नागर क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे । परिवार खेती किसानी से जुड़ा रहा है। पिता के उच्च आदर्शो एवं प्रेरणा से इन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की।इनकी शैक्षणिक योग्यता MA (हिंदी) , MA (Education) ,B.Ed , LLB , PHD in Education CCS university Meerut है । अध्यापक के रूप में इन्होंनेअपने कैरियर की शुरुआत की। जिसके बाद 1987 में शिक्षा निदेशालय दिल्ली सरकार में प्रवक्ता और बाद में प्रिंसिपल बने।
राजनीतिक अनुभव एवं गतिविधियां
डॉ सुरेश चन्द नागर (Dr Suresh Chand Nagar ) की राजनीतिक कर्मभूमि तहसील गढ़मुक्तेश्वर , जिला हापुड़ एवं जिला अमरोहा है । वे लंबे समय से लोकसभा क्षेत्र अमरोहा में समाज सेवा में सक्रिय है और पार्टी को मजबूत करने में जुड़े है। जमीन से जुड़े व्यक्तित्व होने के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं का इनसे बहुत जुड़ाव है ।आर्य समाजी परिवार से जुड़े एवं हिंदुत्ववादी विचारधारा से जुड़े होने के कारण गौ रक्षा से जुड़े एक मामले को लेकर इनहोने 24 अगस्त 2013 को एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया जिसमें करीब 12 हजार लोगो ने हिस्सा लिया । मामला हिन्दू जनमानस की भावनाओ से जुड़ा होने के कारण बहुत चर्चित हुआ और नेतृत्व क्षमता के कारण हजारों लोग इनसे जुड़ गए । जिसके बाद अनेको मामलों में इन्होंने आम जनमानस की आवाज को उठाया ।