Thursday, December 5, 2024

पांच अनोखे धार्मिक स्थल जहां बच्चों को जमीन में गाड़ने से लेकर शराब चढ़ाने तक ये मान्यताएं हैं प्रसिद्ध, लगता है भक्तों का तांता

कहते हैं आस्था और विश्वास के नाम पर इंसान किसी भी हद से गुज़र जाता है। फिर चाहें उसे जान की बाज़ी ही क्यों ना लगानी पड़े। लेकिन कोई भी धर्म किसी भी व्यक्ति की जान लेना नहीं सिखाता, प्रत्येक धर्म इंसान को अमन और चैन की सीख देता है।

बहरहाल, आज हम आपको भारत के उन धार्मिक स्थलों के विषय में बताने जा रहे हैं जहां की मान्यताओं ने सबका ध्यान आकर्षित कर रखा है। इन स्थलों में आने वाले श्रद्धालु अजीबो-गरीब  परंपराओं का पालन करते हैं। वे मानते हैं कि ऐसा करने से ईश्वर उनकी मुराद जल्दी पूरी कर देंगे।

आइये जानते हैं इन धार्मिक स्थलों के बारे में।

गुरुद्वारा में भक्त चढ़ाते हैं प्लास्टिक के एयरोप्‍लेन

पंजाब के जालंधर स्थित शहीद बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा में लाखों श्रद्धालु रोजाना मत्था टेकने आते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु प्लास्टिक से बने टॉय एयरोप्लने गुरु के आगे चढ़ाते हैं। उनका मानना है ऐसा करने से उन्हें जल्‍दी वीजा मिलता है और विदेश जाने की उनकी इच्‍छा पूरी होती है।

महादेव के मंदिर में चढ़ती है झाड़ू

उत्तर प्रदेश के संभल में बना भगवान शंकर का मंदिर इसलिए प्रसिद्ध कि यहां भगवान के आगे लोग झाड़ू चढ़ाते हैं। लोगों का मानना है कि भोलेनाथ को झाड़ू अर्पित करने से वे खुश होते हैं और सभी प्रकार के स्किन प्रॉब्लम्स से मुक्ति दिलाते हैं।

देवता का रुप माने जाते हैं चूहे

राजस्थान के बीकानेर स्थित करणी माता मंदिर को भला कौन नहीं जानता। कहते हैं यहां लाखों की संख्या में चूहे वास करते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि चूहों को देवता का दर्जा प्राप्त है इसलिए लोग उन्हें दूध पिलाते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में जब किसी व्यक्ति के पैर के नीचे यदि कोई चूहा आ जाता है तो वह अनहोनी का संकेत होता है।

बच्चों को मिट्टी में गाड़ने की परंपरा

गुलबर्गा के मोमिनपुर की सात गुम्बद मस्जिद में एक खतरनाक पंरपरा का लोग पालन करते हैं। दरअसल, यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि मस्जिद की मिट्टी में स्पेशल चाइल्ड्स को गर्दन तक गाड़ने से उनकी हालत में सुधार होने लगता है।

बाबा काल भैरव पीते हैं मदिरा

उज्जैन के काल भैर मंदिर में भगवान को भोग के रुप में मदिरा चढ़ाई जाती है। यहां के लोगों का मानना है कि भगवान उसका सेवन करते हैं और प्रसन्न होते हैं जिससे उनकी कृपा सबपर होती है। इसके अलावा भगवान को चढ़ाई गई शराब सभी को प्रसाद के रुप में दी भी जाती है।

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