कुछ साल पहले गूगल का वो विज्ञापन याद होगा जिसमे बचपन के दो दोस्त वर्षों बाद गूगल की मदद से मिलते है। दोनों के बच्चे साथ है और एक दूसरे को देखकर अपने आंसू नही रोक पाते । हो भी कैसे बचपन की यादें हमारे जीवन के बिताए सबसे बेहतरीन लम्हो में से एक होते है।
कुछ ऐसा ही वाकया हम आपको बताने जा रहे है जिसे पढ़कर आप की आंखें भी नम हो जाएंगी ।
विभाजन में बिछड़े थे लाखों लोग
1947 का विभाजन सदी की सबसे बड़ी त्रासदी थी । भारत पाक विभाजन ने दोनों ही देशों के करोड़ो लोगो को ऐसे जख्म दे दिए जो उनके जीते जी कभी नही भर पाये । लाखो लोगो ने अपने परिवार और रिश्तेदारों को खो दिया । अपने घर , खेत , आंगन और स्कूल सब पीछे छूट गए । बचपन के दोस्त जिनके साथ कभी रोज खेलते थे वे बिछड़ गये। बिछड़े तो ऐसे बिछड़े कि जीवन भर कभी नही देख पाए ।
74 साल बाद मिले दोनों दोस्त
ऐसे ही बदकिस्मत थे भारत के 94 वर्षीय गोपाल सिंह और पाकिस्तान के 91 साल के बशीर । जो बचपन मे साथ खेले कूदे लेकिन बंटवारे ने उन्हें एक दूसरे से दूर ला दिया ।
लेकिन अब 74 साल बाद किस्मत ने कुछ ऐसा किया कि बचपन के दोनों दोस्तो को फिर से मिलवा दिया । ऐसा संभव हुआ करतारपुर कॉरिडोर की वजह से जहां दोनों दोस्त मिल पाए। करतारपुर के गुरुद्वारा साहिब में गोपाल सिंह अपने परिवार के साथ दर्शन करने गए तो वहीं उनकी मुलाकात नरोवाल के रहने वाले बशीर से हुई ।
दोनों ने कभी सोचा नही था कि अचानक 74 साल बाद ऐसे मिलेंगे
74 साल बाद दोनों मिले तो एक दूसरे को देखते ही भावुक हो गये । आंखे नम हो गयी । जिसने भी ये दृश्य देखा खुद को रोक नही पाया ।
ट्विटर पर शेयर की तस्वीर
दोनों दोस्तो के मिलने की तस्वीर एक aarifshaah नाम के ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है जिसके बाद ये वायरल हो गयी । इसपर दोनों ही देशों से ढेरो प्रतिक्रियाएं आ रही है। यूजर्स ने इसे भावुक करने वाला पल बताते हुए लिखा है कि दोस्ती के बीच कोई दीवार नही आनी चाहिए।
गूगल के विज्ञापन की आयी याद
इस मर्मस्पर्शी कहानी को जानने के बाद कई लोगो ने कमेंट करते हुए इसे भावुक करने वाला पल बताया। वही कई लोगो ने लिखा कि तस्वीर देखकर गूगल के विज्ञापन की याद आ गयी जिसमे दोनों देशों से 2 दोस्त वर्षो बाद मिलते है। इस तस्वीर को देखकर भी वैसे ही आँखे नम हो जाती है ।
क्या आपके पास भी विभाजन से संबंधित कोई ऐसी मार्मिक कहानी है जिसे आप लोगो तक पहुंचाना चाहते हो ? अगर है तो हमे जरूर भेजिए हम उसे प्रकाशित करेंगे ।