Monday, December 2, 2024

ससुराल में नही मिला सम्मान, बन गई पहली वेल्डिंग गर्ल, सेलिब्रिटी जैसा है रुतबा

पंजाब और हरियाणा की बेटियों को ट्रेक्टर चलाते हुए तो देखा ही होगा। समाज के लोग जिस काम को मर्दों का बतलाते थे अब हर उस काम को महिलाएँ बिना किसी झिझक के कर रही हैं और वही समाज शाबाशी देते हुए तालियाँ बजा रहा है। आज हम जिस भारत की बेटी की बात करने जा रहे हैं, वह इतनी जुझारू और संघर्षरत हैं कि उन्हें देखकर आप भी सलामी देने लग जाएं।

Harpal kaur welding girl
Pic Source -Social Media

पंजाब के लुधियाना और जालंधर के बिल्कुल बीचोंबीच एक शहर पड़ता है फगवाड़ा। उस फगवाड़ा से मात्र 13 किलोमीटर अंदर बसे गांव ‘गुरा’ में रहती हैं वेल्डर गर्ल नाम से फेमस हो चुकी हरपाल कौर। हरपाल कौर के पिता भगवान सिंह धंजल वेल्डिंग वर्कशॉप चलाते हैं जहां वे वेल्डिंग करके कृषि उपकरण बनाते हैं और मरम्मत के साथ उनसे जुड़े अन्य काम करते हैं।

20 की उम्र में हो गया था ब्याह, 9 साल का बेटा भी है

गाँव में रहने वाली और लड़कियों की तरह ही हरपाल कौर की शादी 20 की उम्र में करा दी गई। हरपाल कौर अपनी तीन बहनों में सबसे बड़ी है। हरपाल की दूसरे नंबर की बहन की शादी हो चुकी है, तीसरे नंबर की बहन पंजाब पुलिस में कार्यरत हैं और सबसे छोटी अभी हरपाल के साथ वेल्डिंग का काम करती हैं।

Harpal kaur welding girl
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शादी के बाद हरपाल ससुराल गयी तब कुछ दिनों तक वहां का माहौल ठीक रहा लेकिन कुछ सालों के बाद मामला गड़बड़ाने लगा। ससुराल वालों से मतभेद होने के बाद हरपाल ने वह कदम उठाया जिसे उठाने के बारे में कई औरतें सोचती हैं लेकिन कर नही पाती। हरपाल ने ससुराल को गुडबाय कहकर 9 वर्षीय बेटे को अपने साथ लेकर मायके चली आई।

खुले विचारों वाले पिता का मिला साथ

हरपाल के पिता और पिताओं की तरह नही थे जो घर पर आयी बेटी को कहते, “पति-पत्नी के बीच छोटी-मोटी लड़ाई चलती ही रहती है। हमें ये सब झेल के जीवन बिताना पड़ता है।” वे बिल्कुल इसके उलट थे। जब हरपाल अपने पिता के पास रहने आयी तब घर में 3 कुंवारी बेटियाँ पहले से थी। हरपाल के पिता ने उसे अपने तरीके से जीवन जीने की स्वतंत्रता दी। वे हरपाल के निर्णय का आदर करते थे इसलिए उसे कभी वापिस ससुराल भेजने की जबरदस्ती नही दिखाई।

Harpal kaur welding girl
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वेल्डिंग करने का निर्णय लिया और आज जिंदगी बदल गई

किसी भी शादीशुदा महिला के लिए कुछेक महीनों के बाद मायके में टिके रहना हमारे समाज में अशोभनीय माना जाता है। आए दिन अड़ोस-पड़ोस के लोग ताने देते, परिवार से भी व्यंग बाण पड़ने लगे। हरपाल ने पति के साथ तलाक की अर्जी भी डाल दी थी और खर्च निकालने के लिए काम की तलाश भी शुरू कर दी। साथ में एक बेटा होने के कारण उसे पैसे की ज़रूरत महसूस होने लगी और पिता से रोज-रोज पैसे माँगने से आत्मसम्मान को भी ठेस पहुँचता। ऐसे वक्त में हरपाल ने जो निर्णय लिया वही उसे अन्य स्त्रियों से बहुत दूर लाकर खड़ा करता है।

हरपाल ने पिता की वेल्डिंग शॉप में काम करने का निर्णय लिया था। उसने पिता से कहा कि जो मजदूरी दूसरे को देते हो, वो मुझे दे देना। उसे पिता के दुकान पर काम करने से सिक्योरिटी भी महसूस होने लगी। उसने 300 रुपए रोजी में वेल्डिंग करना शुरू क़िया। इस तरह वे पंजाब की पहली वेल्डर गर्ल बन गयी थी। उसके हाथ में सफाई इतनी की लड़के भी मार खा जाए।

वेल्डिंग की तेज रोशनी से रोज पानी बहता

पर यह काम जितना सुनने में आसान लगता है उतना कठिन भी है। हरपाल को देखकर कई लड़कियां वेल्डिंग सीखने के लिए आई लेकिन कठनाइयों का सामना हुआ नही कि भाग खड़ी हुईं। वेल्डिंग कार्य में महारत हासिल करने के लिए हरपाल सुबह सबसे पहले काम में लगतीं और दुकान के शटर गिरने तक लगी रहतीं। वेल्डिंग की तेज रोशनी से आंखों से रोज पानी बहता, लोहे उठाने से हथेलियाँ काली पड़ जाती और असहनीय पीड़ा होती। जूते के अंदर जुराबें गर्म होकर पैरों से ऐसे चिपकती कि निकालना मुश्किल हो जाता। वह एक दिन में दो लोगों जितना काम करके देती, वो भी बेहद सफाई से।

कनाडा और इंग्लैंड से आने लगे शादी के प्रपोज़ल

धीरे-धीरे हरपाल ने टिक-टॉक (Tik-Tok) में अपने काम का वीडियो बनाना शुरू किया। टिक टॉक बैन होने के बाद उन्होंने इंस्टाग्राम रील्स का सहारा लिया। इन वीडियोस के माध्यम से उन्हें खूब लोकप्रियता मिली। कनाडा और इंग्लैंड से हरपाल को विवाह के लिए रिश्ते आने लगे लेकिन वह अपनी मिट्टी छोड़कर कहीं नही जाना चाहती।

हरपाल का एक यूट्यूब चैनल भी है जहां वे व्लॉग्स और अन्य वीडियो पोस्ट करती हैं। ‘ब्राउन कुड़ी – द वेल्डर गर्ल’ (Brown Kudi – The Welder Girl) नाम के उनके यूट्यूब चैनल पर एक लाख से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। उनके वीडियोस देखकर दूसरे राज्य के लोग भी कृषि उपकरण बनवाने हरपाल के पास आने लगे हैं।

हरपाल दूसरी औरतों के लिए मिसाल हैं

बेटी की मेहनत रंग लाई और पिता के कारोबार ने काफी उन्नति कर ली है। आज हरपाल काम के अलावा अपने बाकी शौक भी पूरी करती हैं। एक दिन मैले-कुचैले कपड़ों में वेल्डिंग करती दिख जाती है तो वहीं अगले दिन बुलेट चलाती खूबसूरत परी जैसी दिखती है। समाज की ऐसी ही मेहनतकश महिलाओं की प्रेरणदायक कहानियाँ ही तो औरों को आगे बढ़ने का और वायु के विपरीत निर्णय लेने का राह प्रशस्त करते हैं।

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