अपराध समाज की जड़ों को खोखला करता है और इन खोखली जड़ों का डर हर इंसान के मन में उसके कल को लेकर डर भर देता है। यही डर है जो एक आक्रोश का रूप ले लेता है । अगर हमारी सुरक्षा पुलिस के जिम्मे है तो हम अपनी असुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार भी उन्हें ही ठहराएंगे। अपराध की एक सीमा होती है जिसे पुलिस काबू कर लेती है लेकिन जब ये अपराध अपनी सीमा से बढ़ जाता है, एक विकराल रूप ले लेता है, लोगों के मन में हद से ज़्यादा डर भर देता है तब पुलिस पर एक दबाव बनने लगता है और कहीं ना कहीं इसी दबाव का परिणाम होते हैं ये एनकाउंटर ।
बताया तो हर बार यही जाता है कि एनकाउंटर की नौबत तब आई जब आरोपी ने भागने की कोशिश की लेकिन कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जहां पुलिस पर फेक एनकाउंटर का आरोप लगा। दिशा (बदला हुआ नाम) केस के चार आरोपी भी शुक्रवार को एक एनकाउंटर में मारे गये । बताया जा रहा है कि यह एनकाउंटर साइबराबाद पुलिस के कमिश्नर वी जे सज्जनार की अगुवाई में अंजाम दिया गया । सज्जनार 2008 में दो लड़कियों पर ऐसिड अटैक करने वाले तीन आरोपियों के एनकाउंटर को लेकर पहले भी काफी चर्चा बटोर चुके हैं ।
अब बात एनकाउंटर की चली है तो आज एक नज़र उन पुलिस ऑफिसर्स पर भी डाल लेते हैं जिनको देश का बेस्ट एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है :
1. संयुक्ता पाराशर
इस लेख की शुरुआत हम कर रहे हैं एक महिला आईपीएस ऑफिसर से । असम की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर संयुक्ता पाराशर को आयरन लेडी ऑफ असम के नाम से जाना जाता है । अपनी प्रारंभिक शिक्षा असम से पूरी करने के बाद संयुक्ता ने इंद्रप्रस्थ यूनीवर्सिटी से पॉलीटिकल साइंस में बीए किया तथा फिर जवाहर लाल नेहरू यूनीवर्सिटी से पीएच डी की डीग्री प्राप्त की । संयुक्ता अपने क्षेत्र में आतंकियों के लिए मौत का दूसरा नाम कही जाती हैं । इन्होंने 15 महीने के अंदर 16 आतंकियों को ढेर किया तथा 64 को ज़िंदा पकड़ कर यह साबित कर दिया कि एक महिला ऑफिसर भी अपनी जान पर खेल कर आतंक का खात्मा करने का दम रखती है ।
2. राजेश कुमार पांडेय
राजेश पांडेय मूलरूप से इलाहबाद के रहने वाले हैं । इन्होंने 1989 में प्रांतीय पुलिस सेवा से अपना करियर शुरू किया तथा 2006 में प्रमोट होकर आईपीएस बन गए। लखनऊ में करीब 11 महीने के कार्यकाल में उन्होंने कई बड़ी घटनाओं के खुलासे करने के कारण चर्चा में बने रहे। वैसे तो राजेश पांडेय ने 50 कुख्यात अपराधियों को ढेर किया है लेकिन उनके करियर की सबसे बड़ी सफलता माना गया यूपी के कुख्यात गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला का एनकाउंटर । बताया जाता है कि इस एनकाउंटर को अंजाम देने के लिए एक करोड़ रुपये खर्च हुए थे ।
3. प्रदीप शर्मा
प्रदीप शर्मा शायद इकलौते ऐसे पुलिस ऑफिसर हैं जिन्होंने एनकाउंटर का शतक लगाया । मुंबई पुलिस के इस आफिसर का नाम देश के टॉप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट में गिना जाता है । बताया जाता है कि प्रदीप शर्मा ने अपनी पिस्तौल से कुल 104 एनकाउंटर किए । एक तरफ जहां प्रदीप शर्मा आम जनता के लिए हीरो थे वहीं उन पर फेक एनकाउंटर के दोष भी लगे । 2003 में बम ब्लास्ट के संबंध में पकड़े गये ख्वाजा यूनूस की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी । ख्वाजा को दाउद इब्राहिम का आदमी भी बताया जाता है । हिरासत में हुई ख्वाजा की मौत का इल्ज़ाम जिन पुलिस ऑफिसरों के ऊपर लगा उनमें एक नाम प्रदीप शर्मा का भी था । 2006 में उन पर डॉन छोटा राजन के सहायक व गैंगस्टर राम नारायण गुप्ता उर्फ लक्ष्मण भइया के फेक एनकाउंटर का आरोप भी लगा । इसी मामले में जनवरी 2010 को 21 पुलिस वालों को गिरफ्तार किया गया जिसमें प्रदीप शर्मा भी शामिल थे लेकिन जुलाई 2013 में उन्हें मुंबई की अदालत ने इस मामले से बरी कर दिया ।
4. दया नायक
दया नायक के नाम 83 एनकाउंटर दर्ज हैं । जिसमें अधिकतर एनकाउंटर छोटा राजन के गैंग से जुड़े हैं । 2003 में दया नायक पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत मुकद्दमा चलाया गया । उन पर इल्ज़ाम था कि उनके संबंध अंडरवर्ल्ड से हैं । लेकिन 2004 में कई बार पूछताछ के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गयी । 2006 में इनके खिलाफ गैर ज़मानती वारंट निकाला गया तथा इन्हे एंटी करपशन ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किया गया । दया पर बेनामी संपत्ती रखने का आरोप था । इस मामले में इन्हें सस्पेंड भी होना पड़ा । मगर 2010 में कोर्ट ने इन्हे सभी मामलों में बरी कर दिया । 2012 में दया एसीपी के पद पर बहाल हुए ।
5. प्रफुल भोंसले
मुंबई क्राइम ब्रांच में प्रफुल भोंसले का नाम बड़े अदब से लिया जाता है । प्रफुल भोंसले ने 1987 से पुलिस फोर्स ज्वाइन की । वैसे तो इनके बारे में कहा जाता है कि ये बेहद मीठा बोलते हैं लेकिन इनकी पिस्तौल के साथ ऐसा बिलकुल नहीं है । इन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में 90 एनकाउंटर किए । डेथ स्क्वाड के प्रमुख्य सदस्यों में गिने जाने वाले भोंसले को छोटा शकील के लिए बंदूक किराए पर लेने वाले अरिफ कलिया के साथ हुई मुठभेड़ के लिए जाना जाता है ।