Wednesday, December 4, 2024

किसानों से जुड़े मामले में कंगना पहुंची पुलिस स्टेशन, जानिये क्या है कारण

बॉलीवुड की कॉन्ट्रोवर्शियल क्वीन कंगना रनौत अपनी किसी ना किसी हरकत के चलते अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। एक बार फिर वे अपने बयानों के चलते चर्चाओं में आ गई हैं। इस बार उन्होंने सिख समुदाय को लेकर विवादित टिप्पणी की है। यही वजह है कि वे आज मुंबई के खार पुलिस स्टेशन पहुंची।

सिख समुदाय को लेकर की टिप्पणी

दरअसल, कंगना पर आरोप है कि उन्होंने सिख समुदाय को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआऱ भी दर्ज हुई थी। फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बता दें, कृषि कानूनों के पुरजोर विरोध और किसानों के संकल्प के आगे झुकने को मजबूर होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने का ऐलान किया था। इस दौरान बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन कंगना रनौत ने केंद्र सरकार और किसानों पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि ‘खालिस्तानी आतंकवादियों ने भले ही आज सरकार की बांह मरोड़ दी हो लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला प्रधानमंत्री ने इन्हें कुचल दिया था। चाहे इसकी वजह से देश को कितना भी कष्ट क्यों न हुआ हो।’

दर्ज हुई एफआईआर

अभिनेत्री के इस बयान के आधार पर उनके खिलाफ 23 नवंबर को मुंबई के खार पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इस मामले में उनके खिलाफ धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसकी जांच अभी चल रही है।

कोर्ट ने दिया आदेश

मालूम हो, पिछली सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने कंगना को 22 दिसंबर को पुलिस के सामने पेश होने का आदेश दिया था हालांकि, निजी कारणों के चलते वे बीते दिन पुलिस स्टेशन नहीं पहुंच सकीं। यही वजह रही कि कंगना आज मुंबई के खार पुलिस स्टेशन अपना बयान दर्ज कराने पहुंची।

भीख में मिली आजादी-कंगना

गौरतलब है, कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों की वजह से विरोधियों के निशाने पर रहती हैं। हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए गए इंटर्व्यू के दौरान एक्ट्रेस ने 1947 में मिली आजादी को भीख बताय़ा था। उन्होंने कहा था कि 1947 में मिली आजादी असल में भीख थी और असली आजादी हमें साल 2014 में मिली है जब पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आई।

‘पद्मश्री’ वापिस ले सरकार-विपक्ष

अभिनेत्री के इस बयान के बाद उनका काफी विरोध हुआ था। इस दौरान विपक्ष ने केंद्र सरकार से मांग की थी उनसे पद्मश्री वापिस लिया जाए। इसके अलावा एक्ट्रेस पर कानूनी कार्यवाही की बात कही जा रही थी। हालांकि, मोदी सरकार मूक दर्शक बनी बैठी रही और देश के स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ कंगना एक के बाद एक विवादित टिप्पणी करती रहीं।

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