यशराज फिल्म्स द्वारा बनाई गई फ़िल्म सम्राट पृथ्वीराज आने वाली 3 जून को रिलीज होने जा रही है। हाल ही में फ़िल्म के खिलाफ दायर याचिका का दिल्ली हाइकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद निपटारा कर दिया है। यशराज फिल्म्स अब फ़िल्म को 3 जून को ही रिलीज कर सकेगी ।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि यशराज फिल्म्स के वकील द्वारा कोर्ट के सामने स्पष्ट बयान दिया है कि फिल्म में पृथ्वीराज चौहान कि जाति का उल्लेख नही किया गया है। फ़िल्म में पृथ्वीराज के राजपूत होने का उल्लेख नही है और न ही गुर्जर होने का। हमने फ़िल्म को बिल्कुल तटस्थ रखा है। पीठ ने कहा कि यशराज के अधिवक्ता से मिली जानकारी से याचिकाकर्ता संतुष्ट है और ऐसे में याचिका का निपटारा कर दिया गया है।
बता दे कि मीडिया रिपोर्ट्स में फ़िल्म में पृथ्वीराज चौहान को राजपूत बताए जाने की खबरे आने के बाद गुर्जर समाज के याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि जिस पुस्तक के आधार पर फ़िल्म बनाई जा रही है उन पुस्तक में ही पृथ्वीराज चौहान को एक गुर्जर योद्धा के रूप में संदर्भित किया गया है और इसलिए उन्हें फिल्म में एक राजपूत राजा के रूप में दिखाया जाना इतिहास के साथ छेड़छाड़ होगा ।
मामले में सेंट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन की तरफ से एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा पेश हुए । उन्होंने याचिका की सुनवाई कर रही पीठ को बताया कि फ़िल्म में राजा को राजपूत नही दिखाया जा रहा है। यशराज फिल्म्स के अधिवक्ता ने भी पीठ को सूचित किया कि फिल्म में पृथ्वीराज को राजपूत या गुर्जर के रूप में नहीं दिखाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स कै बारे में उन्होंने बताया कि उनके द्वारा इस तरह की कोई भी रिपोर्ट प्रकाशित नही कराई गई है साथ ही फ़िल्म के प्रचार प्रसार से जुड़ी सामग्री जैसे पोस्टर और ट्रेलर में भी जाति का जिक्र नही है ।
दिल्ली हाइकोर्ट की पीठ ने प्रतिवादी से यह भी पूछा कि
एक बयान जारी करने का निर्देश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए जिसमें स्पष्ट करे कि पृथ्वीराज चौहान राजपूत राजा नहीं थे। जिसके जवाब में यशराज बेनर के अधिवक्ता का कहना था कि फ़िल्म निर्माता इसे एक भारतीय फिल्म के रूप में दिखाना चाहता है इसलिए जानबूझकर जाति-तटस्थ रखा गया है ।
याचिका दायर करने वाले गुर्जर समाज के दिवाकर बिधूड़ी के अनुसार उनकी मांग थी कि फ़िल्म में यदि पृथ्वीराज चौहान की जाति का वर्णन किया जाए तो उन्हें गुर्जर ही दिखाया जाये क्योंकि पुरातन ग्रंथो में उनके गुर्जर होने का स्पष्ट पता चलता है । माननीय न्यायालय ने उन्हें विस्तार से सुना है और उनके पक्ष में निर्देश दिया है जिसे यशराज बैनर ने मान लिया है कि वे फ़िल्म में पृथ्वीराज को राजपूत नही दिखा रहे। गुर्जर समाज से जुड़ें नेताओ ने इसे सच्चाई की जीत बताया है ।
मामले में गुर्जर समाज के नेताओ का कहना है कि फ़िल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नही की जानी चाहिए पृथ्वीराज चौहान गुर्जर क्षत्रिय वंश की चौहान शाखा के वीर योद्धा थे ।
कवि जयानक के लिखे “पृथ्वीराज विजय महाकाव्य” में जयानक ने पृथ्वीराज के पिता सोमेश्वर को ‘ गुर्जराधिपति ‘ कहकर संबोधित किया है । जाहिर सी बात है गुर्जर राजा का पुत्र गुर्जर ही होगा। आज भी देश के कई राज्यो में गुर्जरो के प्रमुख वंश चौहान गोत्र के गुर्जर निवास करते है