अपनी विरासत और वीरता की कहानियों के लिए मशहूर राज्य राजस्थान में कुछ ऐसे कहानियां भी हैं जो लोगों को हैरान कर देती हैं. ऐसी ही एक कहानी है जैसलमेर जिले में स्थित कुलधरा गांव की जहाँ से रातों रात वहां रहने वाले लोग गायब हो गए.
आज तक उनका कोई सुराग नहीं लगा और न ही अब गांव में कोई दोबारा बसने की हिम्मत करता है. आइए जानते हैं की इसकी कहानी।
पालीवाल ब्राह्मणों का श्राप-
ये बात है साल 1291 की जब पाली जिल से आए पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गांव को बसाया था. आज वीरान दिखाई देने वाले इस गांव में कभी बड़ी-बड़ी हवेलियां हुआ करती थीं और यहाँ रहने वाले पालीवाल ब्राह्मण काफी संपन्न थे.
इस रियासत के दीवान थे सालेम सिंह जिनकी नजर गांव की एक लड़की शक्ति मैय्या पर थी. वो शक्ति से विवाह करना चाहते थे और उसे अपना बनाना चाहते थे. पालीवाल ब्राह्मण इस बात के सख्त खिलाफ थे और अपनी बिरादरी से बाहर बेटी का विवाह नहीं करना चाहते थे.
इसके बाद सालेम सिंह ने वहां के लोगों को धमकी दी की अगर मेरे साथ विवाह नहीं किया तो वह गांव को नष्ट कर देगा। पालीवाल ब्राह्मणों ने सालेम सिंह की इस धमकी के बाद एक पंचायत की और फैसला लिया की वो लोग वहां से बाहर चले जाएंगे। इसके बाद रातो रात सभी पालीवाल ब्राह्मणों ने गांव छोड़ दिया। गांव छोड़ने के बाद उन्होंने ये श्राप भी दिया कि जो भी यहाँ आकर बसने का प्रयास करेगा वह बर्बाद हो जाएगा। इसके बाद आज तक कोई भी कुलधरा में रहने नहीं गया और गांव वीरान हो गया.
कुछ और कहानियां-
इसके इतर एक और कहनी है. दरअसल सालेम सिंह के द्वारा अधिक लगान वसूले जाने से नाराज लोगों ने अचानक से ही इस गांव को छोड़ दिया और फिर लौटकर कभी भी इस गांव में नहीं गए. वही इस गांव को खाली करने का वैज्ञानिक मत भी है. वैज्ञानिकों ने कहा की भयंकर सूखे और अकाल से परेशान होकर इस गांव के लोगों ने अचानक ही यहाँ से जाने का फैसला कर लिया और किसी और जगह जाकर बस गए.
नहीं पता कहाँ गए-
सबसे रहस्यमय बात यह है की कुलधरा के लोग कहाँ गए इसकी जानकारी आज तक किसी को नहीं है. एक भी ऐसा इंसान नहीं है जिसने उन्हें जाते या फिर किसी और गांव में बस्ते हुए देखा हो.
हालाँकि आज इस गांव में बाहर से लोग घूमने आते हैं लेकिन कोई भी यहाँ रुकने और बसने की हिम्मत नहीं करता।