सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में जेल में बंद एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है । एजी पेरारिवलन 31 साल से जेल में बंद है ।
इस मामले में 7 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी । एजी पेरारिवलन उन्ही 7 दोषियों में से एक है । उनके साथ ही संथन , मुरुगन , जयकुमार , रोबर्ट पायस , नलिनी और रविचंद्रन भी सजा काट रहे है।

21 मई 1991 को की गई थी राजीव गांधी की हत्या
बता दे कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदूर तमिलनाडु में कर दी गयी थी । एक आत्मघाती महिला हमलावर ने अपने शरीर पर बम लपेट कर उनकी जान ली थी । मामले में एलटीटीई (लिट्टे) की भूमिका थी । मुख्य अभियुक्त ने अपने साथियों के साथ सायनाइड खा कर जान दे दी थी । 7 दोषी गिरफ्तार किए गए थे।

19 वर्ष का था पेरारिवलन , दी थी बैटरी
राजीव गांधी की हत्या करने के लिये पेरारिवलन ने 9 वोल्ट की 2 बैटरी बम बनाने के लिये मास्टरमाइंड शिवरासन को दी थी । पेरारिवलन को 11 जून को गिरफ्तार कर लिया गया । ओर उस पर कोर्ट में दोष शिद्ध हुआ ।

1998 में टाडा कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन को फांसी की सजा सुनाई थी । जिसके खिलाफ दोषी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे । सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में सुनवाई करते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा । लेकिन बाद में 2014 में इस सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया।
घटना के समय पेरारिवलन 19 साल का था । पिछले 31 सालों से जेल में बंद पेरारिवलन अब 50 साल का हो चुका है । बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद जेल में बंद 6 अन्य दोषियों की रिहाई भी हो सकती है ।