मशहूर फिल्म निर्देशक एसएस. राजामौली द्वारा निर्देशित आरआरआर फिल्म देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में धमाल मचा रही है। इस फिल्म में साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता जूनियर एनटीआर और रामचरण ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया है। वहीं, इस पिक्चर में बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस आलिया भट्ट भी अहम किरदार में नज़र आई हैं।
फिल्म ने बॉक्सऑफिस पर धमाल मचा दिया है। हर किसी की जुबान पर इस फिल्म का जिक्र है। बताया जा रहा है कि रिलीज़ के बाद सातवें दिन तक राजामौली की आरआरआर 700 करोंड़ की कमाई कर चुकी है।
बात करें इस फिल्म की कहानी की तो यह मूवी एक रियल लाइफ स्टोरी से प्रेरित है जिसमें एसएस. राजामौली ने फिक्शन का तड़का ऐड किया है।
सीताराम राजू और कोमारामभीम के जीवन से ली गई प्रेरणा
बता दें, यह कहानी महान क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम के संघर्षशील जीवन पर आधारित है। इस फिल्म के जरिये निर्देशक ने दर्शकों को साल 1920 की उस क्रांति को याद दिलवाने की कोशिश की है जिसमें सीताराम राजू और कोमाराम भीम अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे।
मालूम हो, अंग्रेजों के शासन के दौरान जन्में सीताराम और कोमाराम के भीतर बचपन से ही विद्रोह की ज्वाला धधकने लगी थी। यही वजह थी कि आजादी के इन मतवालों ने अपने प्राणों की परवाह किए बगैर अंग्रेजों के खिलाफ लोहा मोल ले लिया था।
आदिवासियों का लिया था सहारा
कहा जाता है कि 1920 के दशक में कोमाराम भीम ने हैदराबाद को गोरों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए आदिवासियों को इकट्ठा करना शुरु किया था। ये आदिवासी गोरिल्ला युद्ध में निपुण थे। साल 1928 से 1940 तक कोमाराम अपनी सेना के साथ हैदराबाद के निजाम और अंग्रेजों की सेना से युद्ध करते रहे। इसी युद्ध में वे शहीद हो गए थे।
राम्पा विद्रोह के जनक
उधर सीताराम राजू अंग्रेजों के बेड़े में शामिल होकर उनके खिलाफ षड़यंत्र रच रहे थे। वे अंदर ही अंदर अंग्रेजों की सेना को खोखला बना रहे थे। वे सीताराम ही थे जिन्होंने साल 1922 से 1924 के बीच हुए राम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था। इस दौरान सीताराम ने गोरों को मुंह की खाने पर विवश कर दिया था। लेकिन बाद में वे पकड़े गए थे और अंग्रेजों ने उन्हें अनगिनत गोलियों से भून डाला था।
फिल्म में दिखाए गए काल्पनिक दृश्य
गौरतलब है, बाहुबली फेम निर्देशक एसएस. राजामौली की फिल्म आरआरआर भी इसी कहानी पर आधारित है। फिल्म में कुछ काल्पनिक घटनाओं को भी सम्मिलित किया गया है जिससे की दर्शक कहानी से पूरी तरह बंधे रहें।