आजादी के बाद देश में पहला ऐसा मामला होगा जब किसी महिला को फांसी दी जाएगी। मथुरा के इकलौते महिला फांसी घर में एक महिला को फांसी देने की तैयारी की जा रही है ।
38 साल की इस महिला का नाम शबनम है । 13 साल पहले शबनम ने एक बेहद जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था ।
यह मामला बावन खेड़ी हत्याकांड के नाम से जाना जाता है उत्तर प्रदेश के 1 जिले अमरोहा हसनपुर थाना के अंतर्गत बावन खेड़ी गांव है आज से लगभग 13 साल पहले 15 अप्रैल 2008 की रात को शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी उस वक्त शबनम की उम्र 25 साल थी
महिला को फांसी देने का होगा पहला मामला
आजाद भारत मे पहली बार किसी महिला को फांसी देने जाने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में भारत का एकलौता महिला फांसी घर है। जहां पर 38 साल की शबनम को फांसी दी जाने की तैयारी की जा रही है। इस महिला ने 13 साल पहले एक ऐसे हत्याकांड को अंजाम दिया था जिससे पूरे देश की रूह कांप उठी थी।
बावन खेड़ी हत्याकांड
आर्थिक रुप से मजबूत परिवार में शबनम के पिता शौकत अली एक शिक्षक थे। वे क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे उन्होंने अपनी बेटी शबनम को खूब मन से पढ़ाया था ।
शबनम उस समय पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुकी थी। इसी दौरान शबनम की जिंदगी में सलीम नाम का एक व्यक्ति आया। सलीम पांचवी फेल था और लगभग अनपढ़ था। शबनम सलीम के प्यार में पड़ गयी। शबनम हर हाल में सलीम की होना चाहती थी लेकिन शबनम के पिता सलीम के शिक्षित न होने के कारण इस प्रेम संबंध के खिलाफ थे और उन्होंने शबनम और सलीम की शादी के लिए मना कर दिया।
इसके बाद शबनम और सलीम ने मिलकर ऐसा कदम उठाने की सोची जिसे जानकर हर किसी की रूह कांप जाए । शबनम ने सलीम से शादी करने के लिए अपने पूरे परिवार को खत्म करने की योजना बनाई ।
दिया हत्याकांड को अंजाम
15 अप्रैल 2008 की रात को दोनों ने मिलकर इस क्या कांड को अंजाम दिया । शबनम ने अपने परिवार के सदस्यों को खाने में कुछ मिलाकर दिया । जिसके बाद सभी अचेत हो गए। उसके बाद सलीम भी वहां आ गया। अपने मां-बाप और 10 महीने के बच्चे सहित परिवार के साथ लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी । 10 महीने के बच्चे को देखकर भी उनका दिल नही पसीजा । इस हत्याकांड के पीछे शबनम और उसके प्रेमी का मकसद एक दूसरे के साथ रहना था
हत्याकांड के समय प्रेग्नेंट थी शबनम
जिस वक्त शबनम ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया उस वक्त शबनम के पेट मे सलीम का बच्चा था । शबनम का वक्त करीब 4 महीने की गर्भवती थी । इस जानकारी ने भी शबनम को संदेह के दायरे में ला दिया क्योंकि तब तक शबनम की शादी नही हुई थी। पूरे देश मे उस वक्त इस हत्याकांड की चर्चा थी । हत्याकांड इतना चर्चित था कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती शबनम से मिलने उसके घर पहुँची थी ।
रची लूट की झूठी कहानी
इस हत्याकांड के बाद शबनम और उसके प्रेमी ने लूट की झूठी और मनघडंत कहानी रच दी दी । प्लानिंग के अनुसार सलीम मौका ए वारदात से फरार हो गया था और शबनम ने शोर मचाकर आस पड़ोस वालो को बताया कि उनके घर मे डकैत घुस गये थे । और लूटपाट करने के बाद उनके परिवार को मार डाला ।
शबनम ने पुलिस को भी यही कहानी बताई लेकिन कहानी में कई झोल थे । शबनम की कॉल डिटेल कुछ और ही बयान कर रही थी । उस रात शबनम ने कई बार सलीम से बात की थी । शख्ती से पूछताछ की तो सच सामने आ गया। जाँच में ये कहानी फर्जी निकली । और खुलासे ने सबको चौका दिया ।
राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका अब फांसी की तैयारी
2008 में हुए इस घिनोने और शर्मनाक हत्याकांड में कोर्ट ने दोनों को दोषी पाया । कोर्ट ने दोनो को मृत्युदंड की सजा दी । अब राष्ट्रपति ने भी दया याचिका खारिज कर दी है । तब 25 की रही शबनम अब लगभग 37 वर्ष की हो गयी है । मथुरा में मौजूद देश का इकलौता महिला फांसीघर है । इसे अंग्रेजी शासनकाल में सन 1850 में बनाया गया था। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार के अनुसार अभी कोर्ट द्वारा फांसी की तारीख तय नही की गई है । जैसे ही डेथ वारंट जारी होगा फांसी दे दी जायेगी।
एक निजी पोर्टल के अनुसार निर्भया के हत्यारों को फांसी देने वाला जल्लाद 2 बार जेल का दौरा भी कर चुका है ।