अगर मन में कुछ कर दिखाने की हिम्मत है तो मुश्किलें और हालात आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं. सभी मुश्किलें आपके संघर्ष के सामने पस्त होकर आपके लिए रास्ता बना देती हैं. ऐसी ही एक कहानी है यूपी के एक पीसीएस अधिकारी रिंकू सिंह राही की जिन्होंने घोटाले का पर्दाफाश किया तो गोली मार दी गई. कान खराब हो गया और आंख की रौशनी चली गई लेकिन आज हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने UPSC की परीक्षा पास कर ली.
मारी 7 गोलियां-
रिंकू सिंह राही 2007 के यूपी पीसीएस अफसर हैं. साल 2008-2009 में उनकी पोस्टिंग यूपी के मुजफ्फरनगर में हुई. इस दौरान उन्होंने छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश किया। इस दौरान वो समाज कल्याण अधिकारी के पद कार्यरत थे. घोटाले का खुलासा करने के बाद माफिया उनके ऊपर नाराज हो गए और एक के बाद एक सात गोलियां उनके ऊपर चलाई गईं. उस समय रिंकू सिंह राही की उम्र महज 26 वर्ष थी और सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ में उनका इलाज हुआ था. इलाज के दौरान रिंकू के शरीर से केवल 6 गोलियां निकाली जा सकीं थीं और एक गोली आज भी उनके सिर में फंसी हुई है.
इस घटना के बाद रिंकू की एक आँख की रौशनी चली गई और चेहरा पूरी तरह से बिगड़ गया. वही एक कान भी खराब हो गया लेकिन अपने हालातों से लड़ते हुए रिंकू सिंह upsc की परीक्षा दी और 686वीं रैंक हासिल करते हुए एक कीर्तिमान बनाया। कुछ विशेष श्रेणियों के उम्मीदवारों को राहत मिलने के बाद रिंकू सिंह परीक्षा में बैठ पाए थे.
सिस्टम मुझसे लड़ रहा था-
परीक्षा पास करने के बाद रिंकू सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा की जब मैं परीक्षा दे रहा था तो मुझे लगा की मैं सिस्टम से नहीं बल्कि सिस्टम मुझसे लड़ रहा है. मेरा जीवन गरीबी में कटा और मुझे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था और ऐसे में मुझे लगता था की अगर अधिकारी ईमानदार होते तो मुझे यह लाभ मिल रहा होता. मैं शोषण की कहानियां सुनकर बड़ा हुआ हूँ.
करवा लिया है बीमा-
रिंकू सिंह राही ने कहा की अब उन्होंने अपना बीमा करवा लिया है. भविष्य में मेरे साथ क्या हो सकता है इसका अंदाजा मुझे नहीं है इसलिए मैनें ऐसा किया है. लेकिन अब मैं अच्छे से समझ गया हूँ की इन स्थितियों से मुझे कैसे निपटना है और कैसे इनसे आगे बढ़ना है. ऐसा नहीं है की प्रलोभन में मेरे दरवाजे पर दस्तक नहीं दिया लेकिन मुझे लगा था की अगर मैं इसमें लिप्त हो गया तो किसी को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा और वो लोग अपने हक़ से वंचित रह जाएंगे।
आज रिंकू सिंह राही की कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है.