आपने कई अभिनेता और अभिनेत्रियों के संघर्ष की कहानी सुनी होगी. कुछ कलाकार ऐसे होते है जिन्हे शानोशौकत और रुतबा दोनों ही थाली में परोसकर मिलता है. जिन्हे कामयाबी के लिए संघर्ष या मेहनत कुछ नहीं करना पड़ता. वहीँ दूसरी और कुछ कलकार ऐसे है जिनका जीवन ही संघर्ष गया, और कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद उन्हें सफलता की ऊंचाइयों पर देखा जा सकता है. इन्ही में से एक कलाकार है रेमो डिसूज़ा. जिन्होंने अपनी मेहनत और सफलता के बल बुते पर अपना नाम फिल्म इंडस्ट्री के साथ साथ दुनिया के शीर्ष डांसर्स में भी बनाया. आइये जानते है उनके संघर्ष की कहानी.
रमेश गोपी उर्फ़ रेमो डिसूज़ा…
रेमो डिसूज़ा का नाम शरुआत से ही रेमो डिसूज़ा नहीं था. उनका नाम रमेश गोपी था. इनका जन्म बेंगलोर में 2 अप्रैल 1972 में हुआ था. इनके पिता का नाम गोपी नायर और माता का नाम माधवी यम्मा है. रेमो डिसूज़ा गुजरात में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे जब उन्होंने डांस के लिए सब कुछ छोड़कर मुंबई आने का फैंसला किया था. जानकर हैरान होंगे की रेमो डिसूज़ा ने आज तक कभी भी किसी भी डांस फॉर्म की ट्रेनिंग नहीं ली, वे दिवंगत डांसर माइकल जैक्सन को ही अपना गुरु माना करते थे और वही उनके प्रेरणा का स्त्रोत थे.
दिया करते डांस ट्रेनिंग
रेमो डिसूज़ा का सपना था एक कोरियोग्राफर बनने का, लेकिन वह सपना पूरा करना इतना आसान भी नहीं था. उनके इस सपने में कई साड़ी अड़चने आयीं. अड़चने ऐसीं की कई बार उन्हें खाने का समय भी नहीं मिलता था. तंग आकर उन्होंने अपनी डांस क्लास खोलने का फैंसला किया और छोटे बच्चो को डांस की ट्रेनिंग देने लगे. इसी संघर्ष के दौर ने उनकी मुलाकात उनकी जीवनसाथी से करवाई थी. रेमो डिसूज़ा अपनी पत्नी यानी लिज़ेल डिसूज़ा से पहली बार उन्ही दिनों में मिले थे. दोनों में नज़दीकियां बढ़ी और शादी करने का फैसला किया.
आज भी दोनों में काफी प्यार है. जब जब रेमो पर कोई मुसीबत आती है तब उनकी पत्नी उन्हें कभी अकेले मुसीबतों का सामना नहीं करने देतीं. यहाँ तक मिथुन चक्रबोर्ती ने भी यह बात कही है की रेमो लिजेल को एक दिन में 100 बार मिस्ड कॉल किया करते थे. यह उस वक्त की बात है जब कॉल रेट 16 रुपये पर मिनट हुआ करता था. इस क्यूट कपल के दो बेटे भी है.
फिल्म रंगीला से रेमो ने पकड़ी थी रफ़्तार
यह बात तब की है जब रेमो और उनकी टीम ने एक डांस चैंपियनशिप जीती थी. और उन्हें आमिर खान की फिल्म में बतौर बैकग्राउंड डांसर का मौका मिला था. बस वहीँ से परदे पर अपना हुनर दिखने का मौका मिला था. इसके बाद रेमो ने बतौर अहमद खान के असिस्टेंट का भी काम किया है. बस यहीं से रेमो डिसूज़ा ने इंडस्ट्री में ऐसा कदम जमाया की वापस रमेश गोपी को पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.