अक्सर आप पैरानॉर्मल एक्टिविटीज़ के बारे में सुनते होंगे। इनसे जुड़ी तमाम घटनाओं का जिक्र आपके सामने किया जाता होगा। लोगों के इन दावों में कितनी सच्चाई छुपी होती है इस बात का दावा तो हम नहीं कर सकते लेकिन कई लोग इन सब बातों को सच मानते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही एक रेलवे स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं जहां 4 दशकों तक कोई भी ट्रेन नहीं रुकी थी। बता दें, यह स्टेशन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के बेगुनकोडोर में स्थित है। इस स्टेशन का उद्घाटन साल 1960 में हुआ था। लेकिन सात सालों बाद ही इसे बंद कर दिया गया था।
रेलवे कर्मचारियों की मौत से फैला था खौफ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस स्टेशन को लेकर पूरे इलाके में अफवाह थी कि यहां किसी लड़की का भूत घूमता था। सबसे पहले यह दावा स्टेशन के एक कर्मचारी ने किया था। उसने बताया था कि यहां एक लड़की सफेद साड़ी में घूमती है। हैरानी की बात ये है कि कुछ दिनों बाद उस कर्मचारी की इसी स्टेशन पर मौत हो गई थी। लोगों ने उस वक्त इसे एक दुर्घटना मानकर नज़रअंदाज़ कर दिया था। हालांकि, बाद में जब रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर और उसके परिजनों की लाश रेलवे क्वार्टर में मिली तब लोगों को इस बात पर यकीन हुआ कि यहां एक भूत का वास है।
1967 में बंद कर दिया गया था स्टेशन
धीरे-धीरे अन्य लोगों के साथ भी कुछ ऐसी ही घटनाएं होने लगीं। उन्हें भी लड़की का भूत दिखने लगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि शाम के वक्त जब कोई ट्रेन यहां से गुजरती थी तब लड़की का भूत उसके बराबर में दौड़ने लगता था। कई बार वह इतनी तेज़ी से दौड़ती थी कि ट्रेन के आगे निकल जाती थी। इन सब बातों ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी थी। लोगों ने भूत के खौफ से स्टेशन पर आना-जाना बंद कर दिया था। इसके बाद साल 1967 में इस स्टेशन को बंद कर दिया गया था।
दोबारा खुला स्टेशन
गौरतलब है, धीरे-धीरे इन घटनाओं को 30-40 साल बीत गए। कुछ सालों पहले तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने गांववालों की रिक्वेस्ट पर इस स्टेशन को दोबारा खुलवाया था। लेकिन आज भी बेगुनकोडोर के इस स्टेशन पर शाम के बाद कोई भी यात्री जाने से कतराता है।