कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस कहावत का प्रबल उदाहरण जामनगर के रहने वाले ये विरानी ब्रदर्स हैं। इन्होंने अपनी मेहनत के दमपर सफलता के उस मुकाम को हांसिल किया है जहां पहुंचने के लिए सोंचता तो हर शख्स है लेकिन उसे तय करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।
बता दें, विरानी ब्रदर्स का जन्म गुजरात के जामनगर स्थित एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता पेशे से एक किसान थे। स्कूल के दिनों में तीनों भाई चंदूभाई, भीखूभाई और मेघजीभाई अपने पिता की मदद के लिए खेतों में काम किया करते थे। पहले वे विद्यालय जाते थे फिर वहां से लौटने के बाद खेतों पर जाकर काम करते थे।
करना चाहते थे बिजनेस
साल 1972 में तीनों भाईयों ने अपने सपनों को साकार करने के लिए गांव से निकलकर शहर जाने का फैसला किया था। जब वे शहर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उन दिनों कृषि उपकरणों की डिमांड अधिक थी। ऐसे में उन्होंने इस क्षेत्र में उतरने का फैसला किया। लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या थी पूंजी। इसके लिए तीनों भाईयों ने पिता से जमीन बेचने का आग्रह किया। बेटों के मोह में पिता ने उनकी बात मान ली और अपनी जमीन बेचकर उन्हें 20 हज़ार रुपये दे दिए थे।
15 सालों तक चलाई कैंटीन
इन पैसों से तीनों भाईयों ने कृषि उपकरणों के निर्माण का व्यापार शुरु किया था। हालांकि, उनका बिजनेस ज्यादा दिनों तक चला नहीं और उन्हें घाटा पड़ गया। इसके बाद साल 1974 में तीनों भाईयों ने राजकोट में एक सिनेमाघर के बाहर छोटी सी कैंटीन से जीवन-यापन करना चालू कर दिया था।
जिंदगी के तकरीबन 15 साल कैंटीन चलाने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि ग्राहकों को होममेड वेफर्स काफी पसंद आते थे। उन्होंने एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया और होममेड वेफर्स और फरसान का व्यापार शुरु किया था।
वेफर्स के व्यापार में रखा कदम
इस व्यापार की शुरुआत उन्होंने बालाजी वेफर्स के नाम से की थी। 90 के दशक में तीनों भाई पहले घर पर चिप्स और फरसान तैयार करते थे बाद में ये छोटी-छोटी दुकानों पर जाकर इन्हें बेचते थे। साल 1989 में विरानी ब्रदर्स ने वेफर्स को तैयार करने की एक मशीन खरीदी थी। इससे वे आसानी से ज्यादा मात्रा में वेफर्स का उत्पादन कर लेते थे।
बन गई 3000 करोंड़ की कंपनी
समय के साथ उनका बिजनेस बढ़ता गया और बालाजी वेफर्स का नाम गुजरात ही नहीं बल्कि आस-पास के कई राज्यों में प्रसिद्ध हो गया। अब इस कंपनी ने 5 रुपये से लेकर 20 रुपये और उससे अधिक रेट वाले पैकेट्स मार्केट में लॉन्च करना शुरु कर दिया है। इससे वेफर्स आदि की मार्केट में बालाजी वेफर्स का शेयर बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2020 में बालाजी वेफर्स एंड नमकीन ग्रुप ने 3000 करोंड़ का कारोबार किया था।