Sunday, December 15, 2024

पानी की बर्बादी करने वाले सुधर जाएं, अब होगी 5 साल की सजा और जुर्माना

सरकार के लगातार सालों से जागरूक करने के बावजूद पानी की बर्बादी न रुकने पर जल शक्ति मंत्रालय ने सख्त कदम उठाया है । अब पानी बर्बाद करने वालो से सरकार सख्ती से निपटेगी |  देश मे लगातार गिरते ग्राउंड वाटर और पीने योग्य पानी की कमी से सेंट्रल ग्राउंड वाटर ऑथोरिटी ( सीजीडब्ल्यूए ) चिंतित है । बता दे कि केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड ( सीजीडब्ल्यूए ) जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है ।

पानी की बर्बादी पर होगी कितनी सजा

सीजीडब्ल्यूए ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए जो नई अधिसूचना जारी की है उसके अंतर्गत पीने योग्य पानी बर्बाद करने वालो को अब 5 साल की जेल या एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना होगा।

जल शक्ति मंत्रालय ( Ministry of Jal Shakti )द्वारा पीने के पानी की बर्बादी को दंडनीय अपराध बनाया गया है । चाहे वह सीधे भूगर्भ से निकाला गया पीने योग्य पानी हो या फिर किसी भी ऑथोरिटी द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा पानी हो |

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पीने योग्य पानी सर्वाधिक जमीन से प्राप्त किया जाता है ।

ग्राउंड वाटर की स्थिति चिंताजनक 

एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल ग्राउंड वाटर का स्तर 51 सेमी तक गिरता जा रहा है। उत्तर पश्चिम भारत मे स्थिति बहुत चिंताजनक है ।शहरों से लेकर गांव कस्बो तक मे जल का अंधाधुंद दोहन पर रोक लगाना सरकार के लिए दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।

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गिरते भू जलस्तर से हैंडपंप सूखने के मामले भी सामने आ रहे है

अवैध रूप से उधोगों में पीने योग्य पानी का दोहन और दिनों दिन बढ़ती समर्सिबल पम्पो की संख्या ने जलशक्ति मंत्रालय के माथे पर चिंता की लकीर ला दी है। काफी जगहों पर हैंडपम्प सूखने के मामले सामने आ रहे है

NGO की याचिका पर लिया गया फैसला रोकेगा पानी की बर्बादी 

पानी की बर्बादी पर रोक लगाने के लिए यह आदेश फ्रेंड्स नाम एक एनजीओ और अन्य की याचिका पर दिया गया था । NGT ने सेंट्रल ग्राउंड वाटर ऑथोरिटी को इस संबंध में एक साल पहले ही अधिसूचना जारी करने को कहा था । अभी तक पीने के पानी की बर्बादी को लेकर कोई सख्त सजा का प्रावधान नही था । जिससे पानी बर्बाद करने वालो पर लगाम लगाना सरकार के लिए संभव नही हो पा रहा था । एनजीटी ने कई बार इस पर चिंता जताई थी और लगातार सरकार को निर्देश जारी कर रही थी ।

क्या कहते है पर्यावरणविद

विक्रांत तोंगड़ पर्यावरणविद , vikrant tongad
पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड

सरकार के इस निर्णय का पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ ने स्वागत किया है । उनका कहना है कि देश गंभीर जल संकट से गुजर रहा है । देश मे बहुत बड़ी संख्या में पानी बर्बाद किया जा रहा था । जो रोकना भी चाहते थे तो उसके लिए कोई मजबूत प्रावधान नही था । उम्मीद है इससे पानी बर्बाद करने वालो में डर बैठेगा | और अब इस बर्बादी पर अंकुश लगाया जा सकेगा ।

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