खुदा गवाह का जंज़ीर के साथ कनेक्शन
सदी के महानायक अमिताभ को जंज़ीर फ़िल्म से एंग्री यंग मैन वाली पहचान मिली थी। प्रकाश मेहरा निर्देशित इस फ़िल्म में अमिताभ के साथ जया बच्चन, प्राण और अजित खान भी थे। अमिताभ को इस फ़िल्म में प्राण द्वारा निभाया गया काबुली पठान वाला किरदार बहुत प्रभावित करता था। उनकी इच्छा थी कि वे भी उसी तरह का कोई किरदार निभाए।

ऐसे हुई ‘खुदा गवाह’ की शुरुआत
फ़िल्म निर्देशक मनमोहन देसाई के साथ उनकी अच्छी बॉन्डिंग थी। देसाई ने अपने करियर की आखिरी 8 फिल्में अमिताभ के साथ ही बनाई थी जिसमें कुली, मर्द, नसीब, तूफान और देश प्रेम जैसी फिल्में शामिल हैं। अमिताभ ने काबुली पठान वाली बात देसाई को बताई। उस समय मनमोहन देसाई के भतीजे मनोज देसाई भी उसी कमरे में मौजूद थे। उन्होंने फिल्म का सिनॉप्सिस तैयार किया और बाद में इसके प्रोड्यूसर भी बने। जिस मराठा मंदिर में शाहरुख की डीडीएलजे सालों तक चलती रही, वे वहाँ के मालिक हैं।

फ़िल्म में अहम किरदार निभा रहे डैनी ने अमिताभ को अफ़ग़ान डायलेक्ट सिखाया। उन्हें इसकी जानकारी थी और वे अफ़ग़ान संस्कृति से भी वाकिफ थे। जब श्रीदेवी के पास इस फ़िल्म का आफर लेकर गए और उन्हें बताया कि फ़िल्म के लीड अमित जी हैं तो उन्होंने तुरंत मना कर दिया। फ़िल्म के निर्देशक और अमिताभ की पहली पसंद श्रीदेवी ही थी और उन्हें किसी भी हाल में इस फ़िल्म के लिए मनाना था।
इस कारण श्रीदेवी नही करना चाहती थी खुदा गवाह
श्रीदेवी ने अमिताभ के अपोजिट काम करने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि अमिताभ की फिल्मों में उनकी शादी करवा के बच्चों की माँ बना देते हैं और करने के लिए कुछ रहता नही। उनका ये भी कहना था कि उनके रोल छोटे होते हैं। उनकी अमिताभ के साथ पिछली दो फिल्में ‘इंक़लाब’ और ‘आखिरी रास्ता’ इसी की ओर इशारा कर रहे थे।

निर्माता मनोज देसाई और अमिताभ ने वादा किया और निभाया भी
फ़िल्म के निर्माता मनोज देसाई ने श्रीदेवी से वादा किया कि वे फ़िल्म की पूरी बाउंड स्क्रिप्ट पहले उन्हें पढ़ने देंगे। उस स्क्रिप्ट में ये भी लिखा होगा कि इस फ़िल्म में श्रीदेवी के एक भी सीन नही काँटे जाएँगे, जिसमें अमिताभ के हस्ताक्षर होंगे।
उन दिनों श्रीदेवी अपनी फिल्म चालबाज़ की शूटिंग कर रही थी जिसमें भी वे डबल रोल में थी। मनोज देसाई ने जुहू के एक महंगे होटल में कमरा बुक किया और स्क्रिप्ट लेकर पहुँचे। अमिताभ के हस्ताक्षर देखकर श्रीदेवी को तसल्ली हुई और उन्होंने फिल्म साइन की।

इस फ़िल्म का प्रीमियर मराठा मंदिर में किया गया था जहाँ कई सितारे आए। फ़िल्म ने अच्छी कमाई की और श्रीदेवी के किरदार को बहुत पसंद किया गया। निर्माता मनोज देसाई बताते हैं कि इस फ़िल्म में अमिताभ की तुलना में श्रीदेवी को ज्यादा प्रमुखता मिली।
अमिताभ की पिछली फिल्म रनवे 34 थी जिसमें उनके अभिनय को तारीफें मिली लेकिन फ़िल्म फ्लॉप रही। वे धर्मा प्रोडक्शन की कई सालों से बन रही फिल्म ब्रम्हास्त्र में प्रमुख किरदार निभाते दिखाई देंगे।