कंगना रनौत की पहली फ़िल्म ‘गैंगस्टर’ के बनने की और कंगना को कास्ट करने की कहानी बड़ी दिलचस्प है। फ़िल्म के गाने ‘या अली’ और ‘तू ही मेरी शब है’ ने धूम मचा के रख दी थी। आइए जानें फ़िल्म से जुड़ी बातें।

शोएब अख्तर को मेन लीड में लेना चाहते थे भट्ट
महेश भट्ट इस फ़िल्म के लेखक और प्रोड्यूसर दोनों ही थे। वे फ़िल्म के प्रमुख किरदार दया शंकर के लिए एक पाकिस्तानी कलाकार को लेना चाहते थे। उन्होंने शोएब अख्तर से संपर्क किया। शोएब अख्तर ने कहा कि वे क्रिकेट छोड़कर अभिनय में नही आना चाहते। वहीं कई खबरें बताती हैं कि शोएब ने तगड़ी फीस की डिमांड कर दी थी। बताया जाता है कि फ़िल्म की स्क्रिप्टिन्ग के दौरान ही अनुराग ने मन मे ठान लिया था कि इस किरदार में संजय दत्त को लेना है। संजय दत्त ने अन्य फिल्मों के डेट्स के चलते इसे टाइम नही दिया। कहा जाता है कि फ़िल्म के लिए इरफान खान और जॉन अब्राहम को भी संपर्क किया गया था। इरफान को भट्ट इसमें एक पुलिस वाला दिखाना चाहते थे।

1996 में बनने वाली थी गैंगस्टर
मीडिया रिपोर्ट्स बताते हैं 1996 में महेश भट्ट ने गैंगस्टर नाम से एक फ़िल्म की घोषणा की थी। 1986 में आई उनकी नाम सुपरहिट रही थी। वे इस फ़िल्म में संजय दत्त, कुमार गौरव, श्रीदेवी, जूही चावला और गुलशन ग्रोवर को लेना चाहते थे। किन्ही कारणों से फ़िल्म नही बन पाई। लेकिन जब 2006 में फिर से गैंगस्टर बनाने का विचार आया तो संजय दत्त को ही सबसे पहले अप्रोच किया गया था।
फीमेल लीड के लिए मल्लिका शेरावत थी पहली पसंद
विशेष फ़िल्मज़ ने मल्लिका शेरावत के साथ मर्डर जैसी फ़िल्म में काम किया था। जब उन्हें गैंगस्टर फ़िल्म में सिमरन का रोल आफर हुआ तब उनके सितारे बुलंदियों पर थे। उन्होंने मर्डर के हिट होने की बात को आड़े लाकर जबरदस्त फीस की डिमांड कर दी थी। मल्लिका के बाद यह रोल चित्रंगदा के पास पहुँचा लेकिन बात नही बनी। खबरें बताती हैं कि टॉलीवुड अभिनेत्री कोइल मल्लिक (Koel Mallick) को भी सिमरन का रोल ऑफर हुआ और उन्होंने भी कोई रुचि नही दिखाई। वे बोल्ड दृश्य नही करना चाहती थी। तब मेकर्स ने निर्णय लिया कि किसी नए चेहरे को लिया जाए। तब कंगना रनौत को एक होटल में अनुराग ने कहानी सुनाई और फ़िल्म के लिए राजी किया।

जब पैसे बचाने के लिए क्रू मेंबर से खाना बनवाया गया
खबरें थी कि यह सच्ची घटना पर आधारित है। गैंगस्टर अबू सलेम और अभिनेत्री मोनिका बेदी के रिश्तों पर आधारित होने की बात जरूर सामने आई लेकिन भट्ट कैम्प ने सीधे मना किया और कहा कि ये फिक्शनल है। शूटिंग के दौरान टाइट बजट होने के कारण कुक लेकर लोकेशन पर नही पहुंचे थे। क्रू मेंबर ही खाना पकाते थे। फ़िल्म की शूटिंग को कुछ दिनों के लिए रोकना पड़ा था जब निर्देशक अनुराग बसु ल्यूकेमिया के निदान के लिए अस्पताल में थे। महेश भट्ट और मुकेश भट्ट ने उनकी रिकवरी का वेट किया।

सुपरहिट गाने ‘या अली’ को पहले कैलाश खेर गाने वाले थे
फ़िल्म का सबसे मशहूर गाना ‘या अली’ पहले कैलाश खेर की झोली में आया था। जब प्रीतम दा गाना रिकॉर्ड करने बैठे तब कैलाश विदेशी टूर पर चले गए। ऐसे में गाने को रिकॉर्ड करना बेहद ज़रूरी हो गया। तब यहां जुबीन गर्ग की एंट्री हुई और बाकी इतिहास बन गया। ‘या अली’ गाना कुवैत के गितारा बैंड (Band Guitara) के गाने या घली (Ya Ghali) से प्रेरित था।
फ़िल्म के किरदार और कंगना के बीच था उम्र का फासला
कंगना को फ़िल्म में लेने के दौरान महेश भट्ट यही सोच में लगे हुए थे कि कम उम्र की कंगना उस मेच्योर रोल में कैसे फिट बैठेंगी। लेकिन कंगना ने करके दिखाया। इस फ़िल्म की सफलता से खुश होकर महेश भट्ट ने उन्हें अगली फिल्म ‘वो लम्हे’ में लिया। वो लम्हे में भी शाइनी आहूजा थे। वो लम्हे की कहानी महेश भट्ट और परवीन बॉबी के रिश्ते पर आधारित थी। गैंगस्टर से शाइनी आहूजा को अच्छे रोल मिलने शुरू हुए। यह उनकी पहली कमर्शियल हिट फिल्म थी।