अनुपम खेर के अभिनय की पूरी दुनिया दीवानी है। उनकी आखिरी रिलीज ‘द कश्मीर फाइल्स’ में उनके अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया। वे अभिनय के आलावा एक्टिंग स्कूल भी चलाते हैं और अपने जीवन की कहानियों से दूसरों को प्रेरित करते हैं।
आज तो अनुपम खेर ढेरों फिल्में कर चुके हैं। वे हिंदी के अलावा कई रीजनल भाषाओं में भी काम कर चुके हैं। वे हॉलीवुड की फिल्में और टीवी सीरीज भी कर चुके हैं। वे अपने राजनीतिक बयानबाजी के लिए भी न्यूज में बने रहते हैं। एक दौर था जब अनुपम खेर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से निकलने के बाद फिल्मों में काम पाने के लिए भटक रहे थे।
पहली फ़िल्म सारांश में निभाया था वृद्ध व्यक्ति का किरदार
उन दिनों राजश्री प्रोडक्शन ‘सारांश’ नाम की फ़िल्म के लिए नायक की तलाश कर रहे थे। फ़िल्म का नायक एक बुजुर्ग किरदार था। अनुपम को अपनी अभिनय प्रतिभा के दम पर वह रोल मिल गया। महेश भट्ट ने अनुपम के चेहरे पर अपने फ़िल्म के नायक को देखा जो वे किसी और के अंदर नही देख पा रहे थे। अनुपम को तो फिल्मों में मौका चाहिए था, चाहे फ़िल्म में उन्हें बूढ़े का किरदार करना पड़े या नौजवान का। उस समय उनकी उम्र 28 वर्ष थी। उन्हें भी यह किरदार काफी चैलेंजिंग लगा।
शूटिंग के दस दिन पहले ही फ़िल्म से बाहर किया जा रहा था
सारांश की शूटिंग 1 जनवरी 1984 को शुरू होने जा रही थी। अचानक शूट से दस दिन पहले निर्देशक महेश भट्ट ने उन्हें फोन करके जानकारी दी कि उन्हें फ़िल्म से निकाला जा रहा है। प्रोडक्शन कंपनी ने किसी प्रौढ़ और सीनियर एक्टर को लेने का निर्णय लिया था। वो अभिनेता थे संजीव कुमार। अनुपम को बहुत बुरा लगा क्योंकि वे पिछले 6 महीने से अपने किरदार की तैयारी कर रहे थे।
फ़िल्म से निकालने की बात पर मुंबई छोड़ने की कर ली थी तैयारी।
सारांश फ़िल्म सत्य पर आधारित थी और निर्देशक भी उनके साथ धोखा कर रहे थे। इस बात से आहत होकर उन्होंने मुंबई छोड़ने का निर्णय कर लिया और बिना गंतव्य ठाने बोरिया बिस्तर बाँधकर निकल पड़े। लेकिन उनके मन मे खयाल आया कि जाने से पहले कम से कम महेश भट्ट को बता दिया जाए कि उनके मन में क्या चल रहा है। वे महेश भट्ट के बारे में क्या सोचते हैं।
महेश भट्ट की बिंल्डिंग पहुंचने पर मालूम हुआ कि लिफ्ट खराब है। वे इतने गुस्से में थे कि छठवें माले तक तेजी से चढ़ आए। महेश भट्ट ने उन्हें देखते ही कहा कि वे अनुपम को किसी दूसरे बूढ़े का रोल देंगे और संजीव कुमार के साथ काम करके मज़ा आएगा।
अनुपम ने महेश भट्ट को कहा फ्रॉड
गुस्से से तमतमा रहे अनुपम ने उन्हें खिड़की से बाहर अपनी टैक्सी की तरफ देखने को कहा और बताया कि वे जा रहे हैं। पता नही लेकिन इस शहर से दूर जा रहे हैं। शिमला, लखनऊ, दिल्ली जहन्नुम… मालूम नही पर जा ररहे हैं। महेश भट्ट समझ नही पाए कि अनुपम को ये अचानक क्या हो गया। अनुपम ने कहना जारी रखा और महेश भट्ट से कहा कि वे एक नंबर के फ्रॉड आदमी हैं। वे झूठे हैं, चीटर हैं।
अनुपम ने कहा कि सारांश के किरदार को संजीव कुमार उनसे बेहतर नही कर पाएँगे। अनुपम खेर रोते-बिलखते बोले, “मैं ब्राम्हण हूँ और जाने से पहले आपको श्राप देता हूँ।”
अनुपम के इस अवतार को देखकर महेश भट्ट समझ गए कि अनुपम ही बूढ़े किरदार के साथ न्याय कर पाएँगे। उन्होंने तुरंत राजश्री प्रोडक्शन में फोन लगाके अनुपम को ही फ़िल्म में फाइनल करने की बात कही।
तो इस तरह अनुपम को अपनी पहली फ़िल्म के लिए लड़ना पड़ा। सारांश में उनके अभिनय की जमकर तारीफ हुई और उन्हें दमदार अभिनय के लोए फिल्मफेयर अवार्ड भी प्राप्त हुआ। अनुपम इन दिनों कई प्रोजेक्ट में लगे हुए हैं। क्या आपको पता है कि अनुपम खेर ने कश्मीर फाइल्स में पुष्कर नाथ का किरदार निभाया था जो उनके पिता का भी नाम है। अनुपम खेर के भाई राजू खेर भी अभिनय करते हैं लेकिन वे छोटे-मोटे रोल तक ही सीमित हैं।