कोविड-19 की एक झलक मात्र देख कर एक शख्स ने भविष्यवाणी कर दी कि यह नया वायरस पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगा। आज वही व्यक्ति इस वायरस से लड़ने के लिए दुनिया के कई देशों को एकजुट कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स ने 2015 में ही महामारी को लेकर चिंता व्यक्त की थी। और तो और गेट्स ने कहा है कि कोविड-19 से जंग लड़ने के साथ-साथ पूरी दुनिया को अगली महामारी के लिए अभी से तैयार होना होगा।
बिल गेट्स ने कहा कि 100 साल पहले जब महामारी फैली थी, तब की तुलना में आज दुनिया भर में लोग बहुत अधिक संख्या में यात्रा करते हैं। किसी भी वायरस के फैलने के लिए दुनिया में बहुत ही अनुकूल वातावरण को लेकर बिल ने कहा 100, 200 वर्ष पूव हम इतनी ज्यादा यात्रा नहीं करते थे। आज एक दूसरे से दूसरे, दूसरे से तीसरे देशों में करोड़ों की सख्या में लोग यात्रा करते हैं और कोविड-19 के फैलने का यह सबसे बड़ा कारण रहा।
बिल गेट्स ने कहा कि यह महामारी बहुत ज्यादा बर्बादी ला सकती थी, लेकिन लोगों की समझतादी और सरकारों के प्रयासों के चलते ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि 2015 में जब उन्होंने महामारी की भविष्यवाणी की थी, तब अर्थव्यवस्था पर होने वाले जिक्र को अंडर-एस्टीमेट कर दिया था। लेकिन सच पूछिए तो आज मौजूद विभिन्न प्रकार की तकनीक और उपकरणों की वजह से अर्थव्यवस्था का उतना असर नहीं हुआ, जितना हो सकता था।
भारत के साथ पार्टनरशिप एक अच्छा कदम
वैक्सीन पर बिल गेट्स ने कहा कि 2021 की पहली छहमाही में कुछ वैक्सीन को लॉन्च करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में तो वैक्सीन पर वैज्ञानिक काम कर ही रहे हैं, लेकिन भारत के साथ जिन देशों ने पार्टनरशिप की है, वह बहुत अच्छा कदम है। क्योंकि भारत एक बहुत बड़ी मात्रा में वैक्सीन का उत्पादन करने में सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन को बनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण उसका उत्पादन और दुनिया भर के लोगों तक उसे पहुंचाना है। अगर हम सब मिलकर 2021 की पहली छमाही की समाप्ति तक दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन देने में सफल हुए तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। बिल गेट्स ने कहा कि एक बात और भी ध्यान रखनी है कि वैक्सीन महंगी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में कम कीमत में अधिक उत्पादन की क्षमता है।
वैक्सीन को लेकर आप इतने कॉन्फिडेंट कैसे हो सकते हैं, एचआईवी की वैक्सीन तो आज 30 वर्ष बाद तक नहीं आ पायी है। इस पर बिल गेट्स ने कहा कि एचआईवी का पैथाजन बहुत जटिल है, जितनी तेज़ी से यह म्यूटेट करता है, जिसकी वजह से वैज्ञानिक उसको समझ नहीं पा रहे हैं। कोविड-19 पर उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई देश अलग-अलग वैक्सीन के साथ आगे आ सकते हैं। इनमें से कुछ बहुत अच्छे परिणाम दे सकती हैं, तो कुछ शायद बहुत अच्छे परिणाम नहीं दे पाएं। कुछ हो सकता है वायरस से होने वाली बीमारी को कम करे कुछ हो सकता है संक्रमण को रोकने में मदद करें। अगर कोई वैक्सीन 50 प्रतिशत भी सफल होती है, तो से सफल माना जाना चाहिए।
वैक्सीन की एडवांस बुकिंग से प्रभावित हो सकता है डिस्ट्रिब्यूशन
गेट्स ने आगे कहा कि इन सभी वैक्सीन के प्रभावों और दुष्प्रभावों का अध्ययन करने के बाद अंत में वैज्ञानिक एक मजबूत वैक्सीन ला सकते हैं, जो इस बीमरी को जड़ से खत्म करने में कारगर होगी। उन्होंने आगे कहा कि कई अमीर देशों ने वैक्सीन की करोड़ों डोज़ पहले से बुक कर दी हैं। इससे वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन पर प्रभाव पड़ सकता है। सभी देशों को एक जुट होकर वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन पर रणनीति बनाने की जरूरत है। हालांकि सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि भारत में पूरी दुनिया को वैक्सीन मुहैया कराने की क्षमता है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वैक्सीन के निर्माण की निगरानी कर रहे हैं। बायेटेक् कंपनियां, नीति आयोग, आईसीएमआर, सभी एक टीम के रूप में आगे बढ़ रहे हैं।
गेट्स ने कहा कि कोविड-19 से जंग के साथ-साथ हमें भविष्य में किसी भी प्रकार की महामारी से कैसे निपटना है, इस बात के लिए तैयार होना होगा। अगर भविष्य में कोई महामारी आती है, तो जितनी तेज़ गति से हम कोविड की वैक्सीन बना रहे हैं, उससे ज्यादा तेज गति से वैक्सीन बनाने की क्षमता होनी चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को इस हिसाब से तैयार करें कि कम से कम क्षति हो। साथ ही आर्थिक चोट से कैसे निपटा जाये, उसके लिए भी पहले से रणनीति तैयार होनी चाहिए।