किसी भी देश की सेना में पुरुषों को ही कॉम्बैट काम सौंपे जाते थे लेकिन अब वक्त बदलने लगा है और इसी के साथ महिलाएँ भी वे सब करने लगीं हैं जो पहले सिर्फ पुरुष करते थे। भारतीय सेना में पहले महिलाएँ सिर्फ ग्राउंड वर्क करती थी लेकिन अभिलाषा बराक ने उस सीमा को तोड़ दिया है और बन गई हैं भारत की पहली महिला कॉम्बैट पायलट। ( first women combat pilot Abhilasha Barak )
आर्मी एविएशन के इतिहास में ‘गोल्डन लेटर डे’
कैप्टन अभिलाषा बराक ( Captain Abhilasha Barak ) पहली महिला अधिकारी बन गयीं हैं, जो सेना के उड्डयन कमान में शामिल हुई हैं। उन्होंने यह उपलब्धि कॉम्बैट आर्मी एविएशन पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के बाद प्राप्त किया है। सितंबर 2018 में उन्हें सेना के हवाई रक्षा कोर में कमीशन मिला था। सेना ने कैप्टन अभिलाषा बराक की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को इंडियन आर्मी एविएशन के इतिहास में ‘गोल्डन लेटर डे’ करार दिया गया है।
कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल, नासिक से ट्रेनिंग ली है। ऐविएशन कोर में तैनात कैप्टन अभिलाषा, लड़ाकू हेलीकॉप्टर उड़ाएंगी। उन्हें ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (Advanced Light Helicopter) चलाने वाली 2072 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन की दूसरी उड़ान के लिए नियुक्त किया गया है।
रिटायर कर्नल एस ओम सिंह की बेटी हैं अभिलाषा बराक ( Captain Abhilasha Barak biography in hindi )
26 वर्षीय अभिलाषा बराक हरियाणा की रहने वाली हैं। उनके पिता एस ओम सिंह कर्नल, वे 2011 में रिटायर हुए। अभिलाषा ने 2013 में अपने भाई को भारतीय सैन्य अकादमी के पासिंग आउट परेड में देखा। उस दिन उन्हें कुछ खास महसूस हुआ। उस दिन अभिलाषा के मन मे सेना में जाने की इच्छा और प्रबल हो गई। हालांकि जब वे छोटी थीं, तभी से पायलट बनने का सपना देखती थी लेकिन उस सपने को पूरा करने का हिम्मत अपने भाई को देखकर आया।
सेना में भर्ती होने के लिए अमेरिका के जॉब को छोड़कर वापिस भारत लौटी
कैप्टन अभिलाषा बराक लॉरेंस स्कूल, सनावर की छात्रा रही हैं। उन्होंने 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद, वे जॉब के लिए यूएस चली गईं। वे डेलॉइट में बतौर इंजीनियर काम करती थीं। लेकिन आर्मी में भर्ती होने के लिए वापस भारत आईं। उन्हें सितंबर 2018 में आर्मी एयर डिफेंस कोर में शामिल किया गया था।
15 महिलाओं में से सिर्फ दो ही हुईं चयनित, चयन प्रक्रिया थी बेहद कठिन
भारतीय सेना के अनुसार, कैप्टन अभिलाषा को 36 सेना पायलट के साथ इस प्रतिष्ठित विंग से सम्मानित किया गया है। सेना के मुताबिक 15 महिला अधिकारियों ने आर्मी एविएशन में शामिल होने की इच्छा जताई थी, जिसमें से केवल दो अधिकारियों का ही चयन हो पाया जिसमें से एक कैप्टन अभिलाषा बराक हैं। चयन प्रक्रिया बहुत कठिन थी। पायलट एप्टीट्यूड बैटरी टेस्ट और मेडिकल फिटनेस के बाद ही अभिलाषा का चयन हो पाया है।
पूरे परिवार में खुशी की लहर
रिटायर कर्नल एस ओम सिंह की बेटी की इस उपलब्धि से सभी बेहद खुश हैं। पहले पिता ने की थी देश की सेवा अब बेटी देश की सुरक्षा में अपना योगदान देंगी। आपको बता दें कि सबसे पहले वायु सेना की फ्लाइंग अफसर अवनि चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला बनी थी। वे मध्यप्रदेश की रीवा से आती हैं।