दिल्ली। भारत की शांति और सुरक्षा में खलल डालने की कोशिश करने वाले 18 को आतंकवादी माना गया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्दता पर बल देते हुए और आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति के अंतर्गत विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 (2019 में संशोधित के अनुसार) के तहत आतंकवादी घोषित कर उनका नाम उक्त अधिनियम की चौथी अनुसूची में शामिल करने का फैसला किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जिन 18 व्यक्तियों को इस सूची में शामिल किया गया है उसमें लश्कर-ए-तैयबा, इंडियन मुजाहिदीन, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और डी कम्पनी के सदस्य शामिल हैं।
ये हैं वे 18 आतंकवादी
लश्करे तैयबा
1- साकिर मीर उर्फ मजीद उर्फ इब्राहिम शाह उर्फ वसी उर्फ खली उर्फ मोहम्मद वसीम
2-यूसुफ मुजामिल उर्फ मुजामिल बट्ट अहमद उर्फ युसुफ उर्फ हुरेरा भाई
3- अब्दुल रहमान मक्की दूसरा नाम अब्दुर रहमान मक्की
4- शाहिद महमूद रहमेतुल्ला
5-फरहतुल्ला घोरी उर्फ सरदार अबु सुफियान उर्फ फारु
जैश ए मोहम्मद
6-अथर इब्राहिम उर्फ अहमद अली उर्फ मोहम्मद अली शेख
7- अब्दुल राउफ असगर
8-यूसुफ अजहर उर्फ अजहर युसुफ
9-शाहिद लतीफ उर्फ छोटा शाहिद भाई (ग)- हिजबुल मुजाहिदीन से
10- सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन
11-गुलाम नबी खान उर्फ अमीर खान
12- जफ्फर हुसैन भट्ट
इंडियन मुजाहिदीन
13-रियाज इस्माईल शाहबन्दी उर्फ रियाज भटकल उर्फ मोहम्मद रियाज
14- मोहम्मद इकबाल
डी कंपनी
15- शेख शकील उर्फ छोटा शकील
16- मोहम्मद अनीस शेख
17- इब्राहिम मेमन उर्फ टाइगर मेमन
18- जावेद चिकना
ये सभी आतंकवादी सीमा पार से आतंकवाद की विभिन्न घटनाओं में शामिल हैं। बता दें कि केन्द्र सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान को शामिल करने के लिए अगस्त 2019 में विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 मे संशोधन किया था। इस संशोधन से पहले केवल संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था।