सीमा ढाका ने आम महिला पुलिसकर्मियों की तरह ही अपने और परिवार के सपनो को पूरा करने के लिए दिल्ली पुलिस जॉइन की । पर काम करने के अलग अंदाज और इनके जज्बे ने इन्हें चर्चा में ला दिया । आज हर तरफ इनकी तारीफ की जा रही है।
एक खास बात है इस महिला कांस्टेबल सीमा ढाका में । वो ये कि जब एक परिवार जिसका अपना मासूम बच्चा उससे बिछड़ गया हो उनके पास आता है तो वे हरसंभव कोशिस करती है उनकी मुस्कान लौटाने की । अपने इन प्रयासों से देश भर में छाई दिल्ली पुलिस की महिला सिपाही सीमा ढाका अब तक 76 गुमशुदा बच्चो को ढूंढकर उनके परिवार से मिला चुकी है। बच्चो को ढूंढने के लिए सीमा ढाका ने कई राज्यो के चक्कर काटे।
सीमा ढाका का कहना है कि गुम बच्चो को ढूंढना और उनके परिवार तक पहुचाना उन्हें अंदर से सकून देता है। एक परिवार की खोई हुई मुस्कान को लौटाने से बढ़कर कुछ भी नही। सीमा ढाका ने जिन बच्चों को ढूंढकर उनके परिजनों से मिलाया है उनमें अधिकतर 14 साल से कम उम्र के है । जब परिजन रोते हुए उनके पास आते है तो उनका प्रयास होता है कि वे वहां से निराश होकर न जाये ।
कॉन्स्टेबल सीमा ढाका को दिल्ली पुलिस आयुक्त ने खुश होकर प्रमोशन भी दिया है। जिस पर सीमा ढाका खुश है । देश मे हर साल लगभग एक लाख बच्चे गायब हो जाते है जिनमे से काफी अपने परिजनों से मिल नही पाते। काफी बच्चे ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार होते है ।कुछ बच्चों को जबरन भीख मांगने , वैश्यावृत्ति आदि में धकेल दिया जाता है । ऐसे में सीमा ढाका जैसी महिला कांस्टेबल इस पूरे तंत्र के लिए एक उम्मीद की तरह है।