देश में नौकरियों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है आज भी लाखों-करोड़ों पढ़े लिखे बेरोजगार युवक युवती दिखाई दे जाते हैं इनमें से कुछ बेरोजगारी को किस्मत मानकर घर बैठ जाते हैं वही कुछ अपने लिए नए रास्ते खोज लेते हैं
यह कहानी भी एक ऐसी ही लड़की प्रियंका गुप्ता ( ग्रैजुएट चायवाली ) की है जिसने नौकरी ना मिलने पर बिहार की राजधानी पटना में चाय की दुकान खोल ली है अब इस लड़की की प्रशंसा हर तरफ हो रही है .
इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट है प्रियंका गुप्ता
बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली प्रियंका गुप्ता अभी 24 साल की है। प्रियंका ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से ग्रेजुएशन पूरी की है । प्रियंका पिछले 2 साल से लगातार बैंक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी कई बार टेस्ट देने के बावजूद प्रियंका को नौकरी नहीं मिली ।
प्रियंका को निराशा जरूर हुई लेकिन उसने हिम्मत न हारते हुए चाय का स्टाल खोलने का फैसला किया। प्रियंका ने पटना महिला कॉलेज के पास ग्रेजुएट चायवाली Graduate Chaiwali के नाम से चाय की दुकान शुरू की । देखते देखते प्रियंका के स्टाल पर भीड़ जुटने लगी ।
MBA चायवाला से प्रभावित है प्रियंका ( ग्रैजुएट चायवाली )
प्रियंका गुप्ता एमबीए चायवाला के नाम से मशहूर प्रफुल्ल बिलोरे से प्रभावित है बता दे महज 20 साल की उम्र में MBA के बाद चाय की दुकान खोलने वाले प्रफुल्ल की कंपनी अब एक ब्रांड बन चुकी है और उनका टर्नओवर करोड़ों में पहुंच चुका है उसी को देखते हुए प्रियंका गुप्ता ने भी चाय की दुकान में भविष्य जमाने की सोची। प्रियंका का कहना है कि जब MBA चायवाला हो सकता है तो ग्रैजुएट चायवाली क्यों नहीं ।
लोन नही मिला तो दोस्तो से पैसे लेकर शुरू की चाय की टपरी
चाय की दुकान खोलने के लिए प्रियंका के पास पैसे नही थे । प्रियंका ने सोचा कि शायद उन्हें बैंक की तरफ से मुद्रा योजना जैसी किसी स्कीम का फायदा मिल जाये। उन्होंने इसके लिए प्रयास भी किया लेकिन लोन नही मिला । जिसके बाद प्रियंका ने दोस्तो की मदद से 30 हजार रुपये जुटाए और जरूरी सामान खरीदा और बन गयी ग्रैजुएट चायवाली
दिलचस्प पंचलाइनों से स्वागत
प्रियंका के स्टाल पर एक बड़ा सा पम्फलेट लगा हुआ है । जिसपर चाय के रेट लिखे है और पेमेंट करने के लिए स्कैन कोड लगा है । इसके अलावा प्रियंका गुप्ता ने कई पंच लाइन लिखवाई हुई है। जिनमे लिखा है – ” लोग क्या सोचेंगे अगर ये भी हम ही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे “
वहीं दूसरी तरफ लिखा है – ” सोच मत चालू कर दे बस ” । दुकान के नाम चायवाली के पास ही लिखा है – पीना ही पड़ेगा । युवाओ को प्रियंका ( ग्रैजुएट चायवाली ) का चाय स्टाल काफी पसंद आ रहा है ।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम
नौकरी न मिलने पर चाय के स्टाल लगाने को प्रियंका रोजगार सृजन करने की दिशा में एक कदम बताती है । अपने स्टाल पर प्रियंका गुप्ता ने लिखा हुआ है – An Initiative towards Aatmnirbhar Bharat . यानी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक प्रयास ।
प्रियंका जैसी युवतियां देश के अनेकों युवक युवतियों के लिए प्रेरणास्रोत है जो विपरीत परिस्थितियों में हार मानने के बजाय संघर्षरत है । इस उम्मीद में कि एक दिन अपनी मेहनत और लगन से कामयाबी प्राप्त करेंगी।
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