अपनी सुख-सुविधाओं के लिए हम प्रकृति को दिन-रात नुकसान पहुंचाए जा रहे हैं। यही कारण है कि प्राकृतिक संसाधनों के नाम पर हमारे पास कुछ नहीं बचा है और जो बचा है वो भी किसी ना किसी दिन खत्म हो जाएगा।
कई लोगों ने अपने व्यापार को चमकाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों से ही खिलवाड़ शुरु कर दिया है जिसके नतीजतन इंसान पानी भी खरीदकर पीने को मजबूर हो गया है। चंद पैसों की लालच ने इंसान को जानवर बना दिया है। पेड़ों की कटाई, जंगलों का काटना, जल स्तर का दिन-प्रतिदिन कम होना कहीं ना कहीं आने वाले संकट का संदेश है।
लेकिन कुछ लोग हैं जिन्होंने इस संकट को पहले से ही भांप लिया है और वे सतर्कता बरतने लगे हैं। इनमें सबसे पहला नाम डॉ. शिव दर्शन मलिक का आता है। इन्होंने एक ऐसा स्टार्टअप शुरु किया है जिससे प्रकृति को भी नुकसान नहीं पहुंचता है और इनकी कमाई भी अच्छी होती है।
हरियाणा में जन्मे शिव दर्शन
बता दें, डॉ. शिव दर्शन मलिक का जन्म हरियाणा के रोहतक में हुआ था। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही प्राप्त की बाद में ग्रेजुएशन, मास्टर्स और पीएचडी की डिग्री के लिए इन्होंने रोहतक स्थित एक कॉलेज में एडमिशन लिया। पठन-पाठन की उम्र खत्म होने के बाद शिव दर्शन ने एक कॉलेज में अध्याक बन गए। हालांकि, इनका यहां मन नहीं लगा और ये वहां से नौकरी छोड़कर चले आए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिव दर्शन बचपन से ही अपने गांव के लोगों के लिए कुछ करना चाहते थे। यही कारण था कि सबकुछ होने के बाद भी वे गांव लौट आए। यहां आकर उन्होंने गोबर से एक ऐसा स्टार्टअप खड़ा किया जिससे उन्होंने गांव वालों का भी उद्धार किया साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार का अवसर प्रदान किया।
मालूम हो, शिव दर्शन के स्टार्टअप के तहत वे गोबर से ईंट, सीमेंट और पेंट तैयार करते हैं। उनका दावा है कि ये प्रकृति के लिए नुकसानदायी नहीं है।
विदेश दौरे पर आया आइडिया
गोबर से बनकर तैयार हुए इन प्रोडक्ट्स से वे लोगों को अपना घर बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, गोबर की चीजों से घर को तैयार करने का आइडिया उन्हें अमेरिका और इंग्लैंड दौरे के दौरान आया था। वहां उन्होंने देखा कि लोग सीमेंट और ईंट की बजाए ईको-फ्रेंडली घरों में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। वहां लोग भांग की पत्ती और चूने को मिलाकर घरों की दीवारों पर पुताई करते हैं जिससे सर्दियों में ठंड का एहसास नहीं होता है।
इस दौरान शिव दर्शन को याद आया कि पुराने ज़माने में लोग अपने घरों के बाहर गोबर से पुताई करते थे। ऐसा करने से सर्दियों में ठंड का एहसास नहीं होता था जबकि गर्मियों में ये घर को ठंडा रखता था। पूर्वजों द्वारा एजात की गई इस तकनीक को आज के ज़माने का रुप देने के लिए शिव दर्शन ने इस पर रिसर्च प्रारंभ की।
कई सालों की कड़ी मेहनत और रिसर्च के बाद उन्होंने सबसे पहले गोबर में जिप्सम, ग्वारगम, चिकनी मिट्टी और नींबू पाउडर मिक्स करके सीमेंट तैयार की। जिसका उपयोग सबसे पहले उन्होंने खुद किया। लोगों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शिव दर्शन ने सबसे पहले अपना घर तैयार किया। गोबर की सीमेंट से बना उनका नया घर लोगों को काफी पसंद आया जिसके बाद उन्होंने गांव वालों को भी यह सीमेंट दी।
लोगों से मिला सही रिस्पॉन्स
लोगों से मिली सकारात्मक प्रक्रिया ने शिव दर्शन को गोबर से बनीं ईंट तैयार करने की प्रेरणा दी। 2019 में काफी रिसर्च के बाद उन्होंने गोबर से बनी ईंट तैयार करके सभी को चौंका दिया। बाद में उन्होंने इससे बने पेंट पर भी काम किया और उसे भी तैयार कर लिया।
शिव दर्शन द्वारा किया गया यह प्रयास काफी फलीभूत साबित हुआ। देखते ही देखते उनके साथ हजारों की संख्या में लोग जुड़ गए। जिसके बाद शिव दर्शन ने बीकानेर में पहले तो अपना स्टार्टअप खड़ा किया। उसके बाद इसी शहर में उन्होंने एक ट्रेनिंग सेंटर भी खोला। यहां पर शिव दर्शन लोगों को गोबर से बनने वाली चीजों की पूरी प्रक्रिया के विषय में विधि विधान से समझाते हैं। इसमें सीखने वाले विद्यार्थियों को 21 हजार रुपये फीस जमा करनी होती है।
शिव दर्शन बताते हैं कि उनके सेंटर से ट्रेनिंग लेकर 100 से ज्यादा लोग झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, यूपी जैसे राज्यों में गोबर से ईंट बनाने का काम कर रहे हैं तथा इससे मुनाफा भी कमा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन व ऑफलाइन द्वारा अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करते हुए वे सालाना 50 से 60 लाख रुपए कमा लेते हैं।