दौर बदलने के साथ साथ इतिहास को जानने में जितनी उपयोगी किताबें साबित हुई हैं उतनी ही तस्वीरें भी। सोचिए अगर यही तस्वीरें न होतीं तो क्या हम जान पाते कि इतिहास के नायक या खलनायक कैसे दिखते थे या फिर अतीत की त्रासदियों ने मानवता पर कितनी गहरी चोट की। केवल शब्दों के माध्यम से किसी घटना पर विश्वास करना थोडा सा कठिन होता है, वहीं तस्वीरें उस घटना को प्रमाणित कर देती हैं। ऐसी ही कुछ तस्वीरों से हम आपको रु ब रु करवाएंगे जिन्होंने इतिहास को अपने अंदर समेट लिया।
मशरूम क्लाउड
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा नागासाकी पर गिराए गए एटम बम मानवता पर की गयी गहरी चोटों में अहम मानी गयी। आप जब भी इंटरनेट पर इस संबंध में कुछ सर्च करेंगे तो आपके सामने मशरूम के आकार में उड़ रहे धुएं के ग़ुबार वाली तस्वीर ज़रूर आएगी। इसे मशरूम क्लाउड के नाम से जाना जाता है।
यह तस्वीर उसी एयरक्राफ्ट से ली गयी थी जिसके द्वारा एटम बम गिराया गया था। तस्वीर लेने वाले थे उस एयरक्राफ्ट के टेक्नीकल सार्जेंट जॉर्ज आर कैरोन उर्फ़ बॉब कैरोन। 6 अगस्त 1945 को ली गयी इस तस्वीर को यू.एस प्रेस ने 11 अगस्त को प्रकाशित किया था।
मोहम्मद अली और सोनी लिस्टन की तस्वीर
25 फरवरी 1964 को बॉक्सिंग की दुनिया का एक ऐतिहासिक दिन माना जाता है। इसी दिन फ्लोरिडा में हो रहे एक बॉक्सिंग मैच में उस समय के हेवीवेट चैंपियन सोनी लिस्टन को एक 22 वर्षीय अश्वेत लड़के ने मात दे कर सबको हैरान कर दिया था। उस लड़के का नाम था कैशियस मर्सेलस क्ले, वही क्ले जिसने आगे चल कर इस्लाम कबूल लिया और मोहम्मद अली के नाम से प्रसिद्द हुआ। मोहम्मद अली और सोनी लिस्टन की ये तस्वीर इतनी प्रसिद्द हुई कि मुंह मांगे दामों में बिकी। यह तस्वीर उस समय के प्रसिद्द अमेरिकन खेल पत्रकार नील लेइफेर (Neil leifer) द्वारा उस समय ली गयी थी जब अली लिस्टन को उठ कर उनसे लड़ने के लिए कह रहे थे।
द टैंक मैन
शक्तिशाली टैंकों के सामने खड़े इस निहत्थे और अकेले शख्स को गवाह माना जाता है इस बात का कि यदि आप में सही का साथ देने की हिम्मत है फिर आप अकेले ही पूरी के सामने खड़े होने का बूता रखते हैं। यह तस्वीर है उस रहस्यमयी इंसान की जिसने निहत्थे छात्रों पर बम बरसाने वाले टैंकों का डर नहीं माना।
थियानमेन स्क्वायर पर छात्रों द्वारा किए विरोध प्रदर्शन के जवाब में चीन की सेना ने हजारों जानें ले लीं। इस नरसंहार के अगले दिन ये टैंक पंक्तिबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे थे कि तभी सफ़ेद कमीज और काली पैंट पहना एक शख्स हाथों में दो बैग लिए बड़ी निर्भीकता से इन टैंकों के सामने आकर खड़ा हो गया। इस घटना के 30 वर्ष बाद तक भी इस शख्स के बारे में पता नहीं लगाया जा सका। यह तस्वीर 5 जून 1989 को ब्रिटिश फोटोग्राफर स्टुअर्ट फ्रेंकलिन द्वारा होटल की बालकनी से ली गयी थी जिसे बाद में टाइम्स मैगज़ीन में प्रकाशित किया गया और उस अनजान शख्स को टैंक मैन नाम दिया गया।
नापलम गर्ल (Napalm Girl) की तस्वीर
वियतनाम युद्ध के दौरान वियतनामी अमेरिकन फोटोग्राफर निक यूटी (Nick Ut) द्वारा एक ऐसी तस्वीर ली गयी जिसे ना केवल पुलीट्ज़र प्राइज (Pulitzer Prize) मिला बल्कि इस अकेली तस्वीर ने पूरे विश्व के सामने इस युद्ध की त्रासदी को बयां किया। ये तस्वीर उस समय ली गयी जब नापलम हमले के दौरान तबाह हुए तरांग बांग गांव के लोग अपनी जान बचा कर भाग रहे थे। इस तस्वीर के चर्चा में आने की वजह थी (बाएं से) निवस्त्र भाग रही नौ वर्षीय बच्ची किम फुक (Kim Phuc)।
मृत सिपाहियों की तस्वीरें
इस तस्वीर को दुनिया की पहली ऐसी तस्वीर बताया गया जिसने युद्द के मैदान में मृत पड़े हुए सिपाहियों को विश्व के सामने रखा। यह तस्वीर 1862 में अमेरिकन सिविल वॉर के दौरान हुए एंटिएटम युद्ध के दो दिन बाद स्कॉटिश फोटोग्राफर एलेक्जेंडर ग्राड्नर द्वारा ली गयी थी ।
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