हिंदी सिनेमा ने दर्शकों को कई स्टार दिए, इनमें कुछ यादगार बन गए और कुछ यादों में ही सिमट कर रह गए। इन्हीं में एक स्टार ऐसी हैं जिनके पीछे 90 के दशक में लोग दीवाने थे। उनकी एक झलक पाने के लिए लोग घंटों लाइन लगाकर उनके घर के बाहर खड़े रहते थे। लेकिन आज यह अभिनेत्री कहां है, किसी हाल में है, किसी को नहीं पता।
महेश भट्ट को था अनु और राहुल पर भरोसा
हम बात कर रहे हैं 90 के दशक की सुपरहिट एक्ट्रेस अनु अग्रवाल की। साल 1990 में रिलीज़ हुई आशिकी फिल्म से बॉलीवुड इंडस्ट्री में डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस अनु अग्रवाल ने अपनी खूबसूरती से हर किसी को हैरत में डाल दिया था। उनके अपोजिट राहुल रॉय को कास्ट किया गया था। दोनों ही नए चेहरे थे। फिल्म का निर्देशक महेश भट्ट पर प्रोड्यूसर्स और मीडिया का दवाब था। लोगों का मानना था कि इन नए चेहरों को कोई देखना नहीं पसंद करेगा, फिल्म फ्लॉप होगी। लेकिन जब यह फिल्म रिलीज़ हुई थिएटर्स के बाहर दर्शकों का हुजूम इकट्ठा हो गया। दर्शकों की लंबी-लंबी कतारें इस बात सुबूत थीं कि महेश भट्ट ने जिन एक्टर्स को कास्ट किया था उनका काम दर्शकों को पसंद आया था।
इसके बाद अनु की लोकप्रियता बढ़ गई थी। उनके घर के बाहर प्रोड्यूसर्स की लाइने लग गई थीं। इसके बावजूद उनका करियर ज्यादा दिनों तक नहीं चला जिसकी वजह से आज वे गुमनामी की जिंदगी जी रही हैं।
फिल्म से पहले एक्ट्रेस रख देती थीं शर्तें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनु के फिल्मी करियर का अचानक से खत्म होना कहीं न कहीं वे खुद थीं। 90 के दशक में अभिनेत्रियों को एक प्रॉप की तरह यूज़ किया जाता था। ज्यादातर फिल्मों में एक्ट्रेसेस हीरो के इर्द-गिर्द घूमती नज़र आती थीं। लेकिन अनु इस तरह की स्टोरीज़ से बचती थीं। उन्हें हीरो सेन्ट्रिक स्टोरीज़ के बजाए हीरोइन सेंट्रिक कहानियों में दिलचस्पी थी।
इसके अलावा उनकी बोल्डनेस भी उनके फिल्मी करियर को खत्म करने की वजह बनकर सामने आ चुकी है। माना जाता है जब अभिनेत्रियां पूरे कपड़े पहनकर टीवी स्क्रीन्स पर नज़र आती थीं उस वक्त अनु कंडोम का ऐड करती थीं। इसलिए प्रोड्यूसर्स उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करने से बचते थे।
आइटम नंबर्स से होती थी चिढ़
वहीं, फिल्म के शुरु होने से पहले उनकी फरमाइशों की सूची उनके करियर को खत्म करने का सबसे बड़ा कारण थी। 90 के दशक में आइटम नंबर्स का ट्रेंड था। अभिनेत्रियां बेहतरीन गानों पर परफॉर्म करके सुर्खियां बटोर रही थीं लेकिन अनु फिल्म की शुरुआत में ही प्रोड्यूसर्स के सामने शर्त रख देती थीं कि वे न तो मेकअप लगाएंगी और न ही आइटम नंबर्स पर परफॉर्म करेंगी।
इस सबके बावजूद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। इनमें खलनायिका, गजब तमाशा, किंग अंकल आदि में काम किया। लेकिन उन्हें वो लोकप्रियता नहीं हांसिल हुई जो एक्ट्रेस को आशिकी से प्राप्त हुई थी।
सड़क दुर्घटना में चली गई थी याद्दाश्त
धीरे-धीरे उनका करियर ढलान की ओर बढ़ रहा था। वे टेंशन में रहने लगी थीं। फिर एक दिन खबर आई कि अनु अग्रवाल का एक्सीडेंट हो गया है। साल 1999 में सुबह के वक्त मीडिया में खबर फैली कि फिल्म जगत की जानी-मानी अभिनेत्री अनु अग्रवाल बहुत बड़ी सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थीं। इस घटना में उन्हें काफी चोंटे आई थीं। जानकारी के अनुसार, उनके स्कल में फ्रैक्चर हो गया था, चेहरे का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था। इतना ही नहीं वे अपनी याद्दाश्त भी खो चुकी थीं। बताया जाता है कि एक्सीडेंट के 29 बाद तक अभिनेत्री कोमा में रही थीं।
बन गईं योगा ट्रेनर
बाद में उन्हें जब होश आया तो वे ज्यादातर चीज़े भूल चुकी थीं। इसके लिए उन्हें रिहैब सेंटर में भर्ती कराया गया था। कुछ सालों तक यहां उन्होंने योगा की ट्रेनिंग ली। इससे उन्हें अपनी जिंदगी वापिस पटरी पर लाने में बहुत सहायता मिली।
कहा जाता है कि अनु अब पूरी तरह से एक योगा ट्रेनर ब चुकी हैं। वे एक एनजीओ चलाती हैं और उसके माध्यम से जरुरतमंदों बच्चों को योगा की ट्रेनिंग देती हैं।