लंबे वक्त तक चले विवाद के बाद आखिरकार इमरान खान को प्रधानमंत्री के पद से हटा ही दिया गया। अब उनकी जगह शहबाज़ शरीफ को पाकिस्तान के नए पीएम के रुप में चुना गया है।
अब जब इमरान की सरकार बर्खास्त कर दी गई है तो उनके खिलाफ जांच होना तो लाज़मी है। ऐसे में पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान ने सरकारी संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचाया है, इस सबका हिसाब पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगाना शुरु कर दिया है।
पीएम बनने से पहले किए थे कई वादे
इस बात से तो आप सब वाकिफ ही हैं कि पाकिस्तान का खज़ाना आज से नहीं बल्कि पिछले कई सालों से खाली है। उसमें इमरान खान के सत्ता संभालने के बाद तो स्थिति और खराब हो गई है। बताया जा रहा है कि सरकार बनाने से पहले पूर्व क्रिकेटर ने वादा किया था कि वजीर-ए-आज़म बनने के बाद वे सरकारी खर्चों में कमी लाएंगे। इसके अलावा वे अपने घर से दफ्तर तक साइकिल से सफर किया करेंगे।
लेकिन ये तो आप जानते ही हैं कि इमरान साहब जुमलेबाजी में उस्ताद हैं। पीएम बनते ही उनके ये सारे वादे हवा-हवाई हो गए। वे भूल गए कि उन्होंने देश की जनता से सरकारी खर्च को कम करने का वादा किया था। देश के खजाने को भरने की कसम खाई थी।
15 किमी का सफर 8 लाख रुपये में करते थए जनाब
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम बनने के बाद इमरान खान बनगीमाला में बने घर से रोज़ पीएम हाउस में बने दफ्तर आया करते थे। 15 किमी का यह सफर नवाब साहब हेलीकॉप्टर के जरिये तय करते थे जिसमें 8 लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च होते थे।
विदेशों से मिले तोहफे भी बेच दिए
गौरतलब है, अब जब इमरान खान के कारनामों की जांच की जा रही है तो पता चला है कि साहब ने अन्य देशों से मिले तोहफों को भी बेच खाया। वहीं, पाकिस्तान के संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री या किसी भी सरकारी ओहदेदार को मिले तोहफे मुल्क की संपत्ति हैं।
शहबाज़ सरकार पर छाया संकट
मालूम हो, पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वर्तमान में देश पर हजारों करोंड़ का कर्ज है जिसकी वजह से उद्योग-धंधे सब ठप्प पड़ चुके हैं। वहीं, हाल ही में जारी की गई फाइनेंशियल ऐक्शन टॉस्क फोर्स की सूची ने पाकिस्तान की नई-नवेली सरकार की चिंता और बढ़ा दी है। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बचाने के लिए शहबाज़ सरकार को इसी साल जून के अंत तक 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज अदा करना होगा। लेकिन पाकिस्तान के हालात इस वलक्त ऐसे नहीं है कि वहां कि सरकार इतना बड़ा कर्ज चुका सके।