इस बार भारत के लिए ओलंपिक बहुत खास रहा. क्योंकि इस बार भारत को गोल्ड मेडल समेत सात मेडल हासिल हुए. जो भारत के लिए खास बात रही. वही नीरज चोपड़ा जिन्होंने भाला फेंक कॉम्पटीशन में गोल्ड मेडल हासिल किया था. जैसे ही उन्होंने भाला फेंककर गोल्ड मेडल हासिल किया. उनका परिवार अपने खुशी के आंसुओं को रोक नहीं पाया. उनके आने की खुशी में इस बार रक्षाबंधन के मौके पर नीरज की बहनों ने खास तैयारी करके रखी है. उनकी माँ के मुताबिक नीरज ने ये कामयाबी पूरे 11 साल की मेहनत से हासिल की है.
नीरज चोपड़ा की बहनों ने कहा इससे बड़ा कोई तोहफा नहीं हो सकता
सारे गांव वालों के साथ नीरज चोपड़ा की बहने भी अपने भाई को ओलंपिक में खेलते देख रही थी. जिस पल नीरज ने भाला फेंक गोल्ड मेडल हासिल किया. उस समय उनकी दोनो बहने गीता और सरिता खुशी के आंसू रोक नहीं पाई.
नीरज की बहने गीता और सरिता ने कहा कि , “नीरज ने गोल्ड मेडल हासिल करके इस बार रक्षाबंधन पर हमें बहुत कीमती तोहफा दिया है. शायद ही ऐसा तोहफा किसी बहन को उसका भाई दे सकें. इसे हम क्या पूरा देश हमेशा के लिए याद रखेगा. हमारे भाई का यह तोहफा हमारे लिए सबसे अहम है.”
11 साल की मेहनत से हासिल किया है ये मुकाम- नीरज की माँ
नीरज चोपड़ा की माँ ने उनके बारे में बताते हुए कहा कि नीरज ने पूरे 11 साल मेहनत करने के बाद ये मुकाम हासिल किया है. उनकी दादी ने भी अपने पोते के आने के इंतजार में खास तैयारी की है. उन्होंने अपने पोते के लिए कहा, “मेरे बेटे ने कमाल कर दिखाया है. इसके लिए उसे 11 साल का सम य लगा. उसने कई साल तक जी तोड़ मेहनत की है. इस खुशी के मौके पर में अपने हाथ से बना चूरमा नीरज को खिलाऊंगी.”
बता दें नीरज चोपड़ा ने 87.03 मीटर दूर भाला फेंक कर टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया था.