भारतीय सेना ने सोमवार को सुबह लद्दाख के डेमचोक इलाके के पास एक चीनी सैनिक को पकड़ लिया। उसे अपनी कैद में लेने के बाद सेना के अधिकारियों ने पूछताछ शुरू कर दी। भारतीय जांच एजेंसियों ने भी जासूसी के एंगल से जांच की। उसके पास से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की आईडी और कुछ सैन्य दस्तावेज भी मिले हैं। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की बैठक के बाद चीनी सैनिक को चीन के सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चुमार-डेमचोक इलाके में भारतीय सैनिकों ने एक चीनी सैनिक को संदिग्ध हालात में घूमते हुए पकड़ा। उसे अपनी कैद में लेने के बाद सेना के अधिकारियों ने पूछताछ और जासूसी के एंगल से जांच करनी शुरू कर दी। उससे भारतीय सीमा क्षेत्र में आने की वजह पूछी गई। उसके पास से सिविल और सैन्य कागजात बरामद हुए थे। साथ ही चीनी सेना का आई कार्ड भी मिला, जिससे पता चला कि वह चीन के शांगजी इलाके का रहना वाला वांग या लांग और पीएलए में कॉरपोरल रैंक पर है। पूछताछ में पता चला कि वह अनजाने में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गया है।
सेना के आधिकारिक बयान में बताया गया है कि हिरासत में लिये गए चीनी सैनिक को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। अत्यधिक ऊंचाई पर होने की वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, चीनी सैनिक को ऑक्सीजन भी दी गई। उसे गर्माहट पहुंचाने के लिए भारतीय सैनिकों ने भोजन और गर्म कपड़े भी मुहैया कराये। कई घंटे की जांच-पड़ताल के बाद इस बीच पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ओर से सेना को एक सैनिक गायब होने का आधिकारिक सन्देश मिला। इस पर चुशूल-मोल्डी मीटिंग प्वाइंट पर भारत और चीनी सेना के अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में नियत प्रक्रिया का पालन करने के बाद स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे चीन के सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया।