ईश्वर ने हर किसी को अलग बनाया है। उसने हर एक इंसान को कोई ना कोई अनोखी खूबी से नवाज़ा है। बस फर्क सिर्फ इतना होता है कि कोई इसे पहचान लेता है तो कोई इसे नज़र अंदाज़ कर देता है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के विषय में बताने जा रहे हैं जिनके लिए कभी उनकी लंबाई अभिशाप बन गई थी।
सपा में शामिल हुए धर्मेंद्र प्रताप सिंह
जी हां, हम बात कर रहे हैं हाल ही में राजनेता बने धर्मेंद्र प्रताप सिंह की। 8 फीट 2 इंच की लंबाई वाले धर्मेंद्र ने शनिवार को समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ली। इस बात की जानकारी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर दी गई।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में धर्मेंद्र अब सपा का प्रचार करते नज़र आएंगे। बीते दिन उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं अखिलेश यादव द्वारा किए गए अच्छे कामों का पूरी मेहनत से प्रचार करुंगा।
‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है नाम
बता दें, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के नरहरपुर कसियाही गांव में जन्म लेने वाले धर्मेंद्र भारत के सबसे लंबे व्यक्ति हैं। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जा चुका है, जिसके बाद वे एशिया के सबसे लंबे इंसान हैं।
मालूम हो, धर्मेंद्र का इससे पहले राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने 2020 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान अपने एक सहयोगी के लिए प्रचार किया था जिसके बाद उनका रुख राजनीति की तरफ बढ़ गया। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार होने का फैसला लिया।
लंबाई बनी सिरदर्द!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र की लंबाई कभी उनके लिए सिरदर्द भी बन गई थी। एक इंटरव्यू के दौरान धर्मेंद्र ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उनकी लंबाई की वजह से आज तक उनकी शादी नहीं हुई। उनकी हाइट को देखकर कोई भी लड़की उनके साथ शादी करने को राज़ी ही नहीं होती।
उन्होंने आगे बताया कि अब वे 46 साल के हो गए हैं। ऐसे में उन्हें इस उम्र में एक जीवनसाथी की कमी खलती है लेकिन इतने रिजेक्शन्स के बाद उन्होंने उम्मीद छोड़ दी है।
आर्थिक तंगी का किया सामना
आज अपनी लंबाई के कारण पूरे देश में पहचाने वाले धर्मेंद्र को कभी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। दरअसल, कोरोना काल से पहले वे भीड़ भाड़ वाले इलाकों में लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए खड़े हो जाते थे। लोग उनके साथ सेल्फी लेते थे जिसके बदले में उन्हें पैसे मिलते थे। उनकी कमाई का यही एकमात्र जरिया था। हालांकि कोरोना के दौरान सभी पर्यटन के स्थलों को बंद कर दिया गया और लोग घरों में कैद हो गए जिसके बाद धर्मेंद्र को काफी समय तक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था।
बीमारी के वक्त अखिलेश ने दिया था साथ
गौरतलब है, धर्मेंद्र ने भले ही पहले कभी राजनीति ना की हो लेकिन उनका और अखिलेश यादव का पुराना नाता रहा है। दरअसल, एक बार धर्मेंद्र को कूल्हे में गंभीर समस्या हो गई थी। इस दौरान डॉक्टर्स ने बाइलेट्रल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह दी थी। हालांकि, कोई भी डॉक्टर उनकी शारीरिक बनावट को देखकर यह जोखिम भरा कार्य करने को तैयार नहीं था। तब राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उनकी मदद की थी। उन्होंने अहमदाबाद के एक अस्पताल में धर्मेंद्र को भर्ती कराया था जहां उनके इलाज के लिए स्पेशल तौर पर आईसीयू से लेकर बेड तक व्यवस्था करनी पड़ी थी।