नोएडा। शरीर का लिवर एक महत्वपूर्ण अंग होता है। हर मनुष्य जो भी खाता—पीता हैं, उसे पचाने में लिवर का अहम योगदान होता है। बदलती लाइफस्टाइल में अक्सर लोग खुद पर ध्यान नहीं दे रहे है। जिसकी वजह से लिवर बीमार हो रहा है। हालांकि, लिवर पाचन के साथ—साथ शरीर में खून साफ करता है। इसके अलावा विषैले पदार्थों को खून में प्रवेश करने से भी रोकता है। लिवर की देखभाल करना भी बेहद जरुरी है। उसके लिए घरेलू नुस्खे भी अपनाएं जा सकते है।
लिवर के संक्रमित होने का खतरा
बता दें कि लिवर का प्रतिकूल असर पड़ने पर त्वचा का फटना, मुंहासे होना, सूखापन और जलन, भूख न लगने, शरीर पीला पड़ना आदि की समस्या हो सकती है। लिवर के संक्रमित होने पर थकान, एलर्जी, कलेस्ट्रॉल व पाचन से संबंधित समस्याएं पैदा हो जाती है। आयुर्वेद के जरिये भी लिवर को स्वास्थ्य रखा जा सकता है। संतुलित आहार फल, सब्जियां, अनाज, प्रोटीन और वसा को भी अपनी दिनचर्या में अवश्यक शामिल करें। लिवर को चुस्त—दुरस्त रखने के लिए नैचरल तरीके भी हैं।
लहसुन
लहसुन लिवर के लिए वरदान माना गया है। यह विषैले पदार्थों या टॉक्सिंस को लिवर से दूर रखता है। एंजाइम को सक्रिय कर टॉक्सिंस को हटाते हैं। इामें एंटीऑक्सिडेंट, एंटिफंगल और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। यह लिवर को साफ रखता है।
गाजर
गाजर में विटमिन ए होती है। यह लिवर संबंधी बीमारी होने से रोकता है। गाजर का जूस लिवर पर आने वाली सूजन को कम करने के साथ गर्मी को भी दूर करता है। गाजर व पालक का रस भी बेहद गुणकारी प्रमाण देता है। गाजर में बीटा—कैरोटीन और इनप्लांट फ्लेवोनॉयड्स नामक तत्व लिवर को चलाने में सहयोग करते हैं।
सेब
आमतौर पर सेब सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन यह लिवर के लिए भी बेहद अच्छा होता है। सेब में मौजूद पेक्टिन शरीर को शुद्ध करने और पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
अखरोट
अखरोट भी लिवर के लिए वरदान है। इसका इस्तेमाल करने से शरीर में एमिनो ऐसिड मजबूत होता है। यह प्राकृतिक रूप से लिवर को डीटॉक्स करता है इसलिए इसका सेवन करना चाहिए।
हरी व पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां भी खून में मौजूद विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता करती है। हरी पत्तेदार सब्जियां सभी को खानी चाहिए।
खट्टे फल
खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू आदि में विटामिन—सी भरपूर होता है। ये लिवर की सफाई करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे यह एंजाइम का उत्पादन करता है।
हल्दी
आयुर्वेद में हल्दी बेहद गुणकारी मानी गई है। इसके चमत्कार कम नहीं है। यह लिवर में होने वाले रैडिकल डैमेज की मात्रा को कम करता है। साथ ही यह वसा के पाचन में मदद करती है और पित्त का निर्माण करती है। यह लिवर के लिए प्राकृतिक डीटॉक्सिफायर का काम करता है।