धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने का यह सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। आज के दौर में कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए दो धर्मों के बीच नफरत की दीवार खड़ी करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि आजकल देश का माहौल खराब होता जा रहा है। लोगों ने एक-दूसरे को शक की निगाहों से देखना शुरु कर दिया है। ऐसे में सोशल मीडिया इस सबके बीच आग में घी डालने का काम करता है।
मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम युवक ने दान की जमीन
लेकिन वो कहते हैं न मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है….वहीं होता है जो मंजूरे खुदा होता है।
जी हां, ईश्वर की मर्जी के आगे ये नफरत की फसल कभी पनप नहीं सकती। यह बात बेंगलुरु के इस मुस्लिम शख्स ने साबित करके दिखा दी है। एमएमजी बाशा नामक इस व्यक्ति ने अपने कृत्य से हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की है। इन्होंने हनुमान मंदिर के निर्माण के लिए अपनी 1 करोंड़ से अधिक की जमीन मंदिर ट्रस्ट को खुशी-खुशी दान में दे दी। अब यह मामला सुर्खियों में छाया हुआ है।
दर्शन के वक्त श्रद्धालुओं को होती थी परेशानी
बता दें, गुड्स ट्रांसपोर्ट सर्विस के व्यापारी बाशा ने वालगेरापुरु स्थित हुनमान मंदिर के विस्तार के लिए देवालय से सटी अपनी 1634 स्क्वायर फीट की जमीन दान में दे दी। बताया जा रहा है कि मुस्लिम शख्स को कहीं से पत चला था कि हनुमान मंदिर में पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस वजह से मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर के जीर्णोद्धार और पुनर्निमाण का फैसला किया था। हालांकि, फंड और जमीन की कमी के चलते मंदिर का काम अटका हुआ था। इस बात का पता जैसे ही बाशा को चला उन्होंने आव देखा न ताव मंदिर कमेटी से संपर्क किया और अपनी जमीन दान में दे दी।
1 करोंड़ रुपये आंकी गई कीमत
गौरतलब है, बाशा की यह जमीन हाइवे के पास स्थित है जिसकी वजह से इसकी कीमत भी 1 करोंड़ से अधिक है। लेकिन मुस्लिम शख्स ने बिना किसी मूल्य के यह ज़मीन शुभ कार्य के लिए हंसते-हंसते दान में दे दी। मंदिर कमेटी ने बाशा का धन्यवाद करते हुए उनके नाम का एक पोस्टर बनवाकर मंदिर परिसर में लगवाया है।