हॉलोकास्ट का दर्द लिखने वाली ऐना फ्रेंक की मौत भी एक रहस्य
जब जब इंसानियत और मानव सभ्यता पर सबसे बड़े घात की बात चलेगी तब तब द्वितीय विश्व युद्ध का नाम लिया जाएगा । आधुनिक युग के इस सबसे भीषण युद्ध ने 4 से 5 करोड़ लोगों की ज़िंदगियां लील लीं। 30 देशों के लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने इस युद्ध में हिस्सा लिया था । 1939 से 1945 तक चले इस विश्व युद्ध के बारे में बहुत सी अफवाहें भी उड़ीं । हेलब्वॉय जैसी फिल्मों ने इस युद्ध का सीधा संबंध दूसरी दुनिया और जादुई शक्तियों से भी जोड़ने की कोशिश की लेकिन यह सब महज फिल्मी और काल्पनिक बातें मानी गयीं ।
मगर इन सब अफ़वाहों से अलग इस विश्व युद्ध को ले कुछ ऐसे रहस्य भी हैं जिन्हें आज तक सुलझाया ना जा सका । भले ही लोग विश्व युद्ध को लेकर काले जादू की बातों को ना मानें लेकिन इस विश्व युद्ध के दौरान कुछ रहस्य तो ऐसे ज़रूर जुड़े जो आज भी लोगों के साथ साथ कई देशों के लिए भी बड़ा सवाल हैं।
तो आइए आज हम चर्चा करते हैं द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े कुछ ऐसे ही कुछ रहस्यों पर :
1. नाज़ी गोल्ड ट्रेन
यह 1945 का समय था, द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ती का साल । नाज़ी ये समझ चुके थे कि युद्ध खत्म होने वाला है और वे हार चुके हैं। ऐसे में उनके लिए सबसे बड़ी समस्या थी उस खजाने को ठिकाने लगाना जो उन्होंने इस युद्ध के दौरान यहूदियों से लूटा था । नाज़ियों ने हॉलोकास्ट के दौरान यहूदियों से लूटे गहने तथा अन्य खज़ाने को एक ट्रेन में लोड कर किसी गुप्त स्थान पर भेज दिया ।
ट्रेन को आउल माउंटेन्स के रास्ते से होकर गुज़रना था लेकिन यह ट्रेन रास्ते में ही कहीं ग़ायब हो गयी । ग़ायब भी ऐसी हुई कि ख़ज़ाना तो छोड़िए आज तक इस खज़ाने का एक सिक्का तक ना खोजा जा सका । कुछ लोगों का मानना है कि नाज़ियों ने पहाड़ में सुरंग बनाई थी जिस रास्ते से खज़ाने को ग़ायब कर दिया गया । विभिन्न देशों के ख़ज़ाना खोजियों ने इसे ढूंढने की कोशिश की लेकिन किसी को इस भूतिया ट्रेन की छोटी सी भी जानकारी नहीं मिली ।
2. फ्लाइट 19
फ्लाइट 19 पांच बमवर्षक जहाज़ों का कोड नेम था । ये 5 दिसंबर 1945 का एक सुहाना दिन था जब फ्लोरिडा के नेवल बेस से फ्लाइट 19 ने एक ट्रेनिंग सेशन के लिए उड़ान भरी । इन थ्री सिटर प्लेन्स में 13 लोग सवार थे जिनमें कमांडर चार्ल्स टेलर को छोड़ कर बाकी सब ट्रेनी थे। प्लेन्स में 2000 किलो विस्फोटक था । दिन साफ था, मौसम में किसी तरह की कोई खराबी नहीं थी । फ्लाइट 19 ने बेस से दोपहर 2.10 पर उड़ान भरी । 3.30 पर टेलर ने कंट्रोल टॉवर को मैसेज भेजा कि उनका कंपस काम नहीं कर रहा, और वो शायद फ्लोरिडा कीज़ (साउथ फ्लोरिडा की द्वीप श्रृंखला) के आसपास हैं। 3.45 टेलर की आवाज़ फिर सुनाई दी कि उन्हें कहीं भी ज़मीन नज़र नहीं आ रही जिससे वे तय कर सकते कि आखिर वे हैं कहां ।
शाम 7.27 पर मार्टीन मरीनर्स नामक दो फ्लाइंग बोट्स को फ्लाइट 19 की खोज में भेजा गया । आश्चर्य की बात ये है कि इस दिन के बाद ना तो फ्लाइट 19 की कोई खबर मिल पाई और ना ही उन मरीन्स में से एक का कुछ अता पता लग पाया । इन 6 प्लेन तथा 27 लोगों का कोई सुराग नहीं मिला। ना प्लेन का कोई मलबा मिला और ना किसी का शव बरामद हो सका । ये घटना बरमूडा ट्रेंगल्स में घटी थी । बता दें कि बरमूडा ट्रेंगल्स में आज तक 1000 से ज़्यादा लोग ग़ायब हो चुके हैं । कहने वाले तो इसे दूसरी दुनिया का रास्ता भी बताते हैं ।
3. पर्ल हार्बर का भूतिया प्लेन
वैसे तो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बहुत से अजीब दृश्यों तथा भूत प्रेत की कहानियां प्रचलित हुईं लेकिन इन सबका कोई प्रमाण नहीं है । मगर पर्ल हार्बर घोस्ट प्लेन की घटना ने सबको हैरान कर दिया था । जिस घटना का ज़िक्र यहां होने जा रहा है वह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान द्वारा अमेरिकी नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर किये गये हमले के लगभग एक साल बाद की है । यह 8 दिसंबर 1942 का दिन था जब रडार पर जापान की दिशा से पर्ल हार्बर की तरफ बढ़ रहे एक अनजान विमान की मौजूदगी नोट की गयी ।
इसके बाद अमेरिकी विमानों को जांच के लिए भेजा गया । उस अनजान विमान की जांच करने गये अन्य विमानों ने जो देखा उस पर विश्वास कर पाना आसान नहीं था । यह अनजान विमान उसी प्रकार का कर्टिस P-40 वॉरहॉक था, जिन्हें पर्ल हार्बर की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना ने इस्तेमाल किया था लेकिन कमाल की बात ये थी कि उसके बाद इसे दोबारा उपयोग में नहीं लाया गया था । इस अनजान विमान की जांच करने गये लोगों ने जो बताया उस पर आसानी से यकीन करना बेहद मुश्किल था । उन्होंने कहा कि विमान पर बने छेदों को देख कर पूरी तरह लग रहा था कि इस पर गोलियों से ज़बरदस्त हमला हुआ है। इसके साथ ही विमान का पायलट पूरी तरह खून से सना कॉकपीट की तरफ ऐसे लुढ़का हुआ था जैसे मर चुका हो ।
कुछ ही देर में ये विमान हवा में लहराने लगा । ऐसा मानों जैसे क्रैश हो रहा हो । इसके बाद इस विमान के मलबे को खोजा गया लेकिन एक सुई बराबर का भी सुराग हाथ ना लगा । इतने बड़े विमान का एक एक पुर्जा हवा में ही कहीं ग़ायब हो जाना आश्चर्य की बात थी । विमान के पायलट का भी कुछ पता नहीं लग पाया । हाथ लगी तो केवल एक डायरी जिसके अनुसार इस विमान ने लगभग 1300 मील दूर मिंडानाओ नामक एक द्वीप से उड़ान भरी थी । इसके अलावा यहां कोई दूसरा विमान नहीं था जिसने इस पर हमला किया हो और ना ही ऐसी हालत में विमान का 1300 मील दूर तक उड़ पाना संभव था ।
4. खूनी ध्वज
वह द्वितीय विश्व युद्ध जब पूरी दुनिया खून से रंगी गयी थी उसी दौरान नाज़ियों का खूनी ध्वज एक रहस्य बन कर रह गया । ये 9 नवंबर 1923 का दिन था जब म्यूनिख के बीयर हॉल में नाज़ी पार्टी द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया था । हिटलर भी इस सभा का हिस्सा था । म्यूनिख पुलिस को इस संबंध में जानकारी मिली तथा उन्होंने नाज़ियों पर हमला कर दिया । इस हमले में ब्राउन शर्ट्स संगठन के कुछ लोग मारेगा । ब्राउनशर्ट्स नाज़ियों के परिधान के रंग से लिया गया नाम था । ये नाम उसी तरह रखा गया था जैसे बेनिटो मुसोलिनी ने अपने संगठन को ब्लैकशर्ट्स का नाम दिया था ।
म्यूनिख की इस सभा में इतना खून बहा कि नाज़ियों का स्वास्तिक चिन्ह वाला ध्वज पूरी तरह से खून में भीग गया । हिटलर पकड़ा गया तथा उसे पांच साल की सज़ा हुई। हिटलर ने जेल से बाहर आते ही इस खून से भीगे ध्वज को अपने अभियान की पहचान के रूप में स्थापित कर लिया । यह खूनी ध्वज नाज़ियों के आंदोलन का प्रमुख प्रतीक बन गया । हिटलर अपनी रैलियों में इस ध्वज को अपने साथ ले जाया करता था । इसे ब्लुटफैन तथा ब्लड फ्लैग के नाम से जाना गया ।
कहते हैं 1944 में इस ध्वज को आखिरी बार देखा गया था । इसके बाद इसका क्या हुआ ये बात कोई नहीं जानता । कुछ लोगों का मानना है कि म्यूनिख में हुई भारी बमबारी में ये ध्वज नष्ट हो गया तो वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यह ध्वज आज भी मौजूद है । कइयों ने तो इस पर अपना मालिकाना हक़ रखने का दावा भी किया । लेकिन किसी दावे को सच साबित करने के लिए किसी तरह के सबूत आज तक नहीं मिले ।
5. ऐना फ्रेंक का रहस्य
15 वर्षीय ऐना फ्रेंक जो नाज़ियों के ज़ुल्म और हॉलोकास्ट के दौरान यहूदियों पर हुए अत्याचार की सबसे बुलंद आवाज़ मानी गयी, उसका नाज़ियों के हाथ आना भी आज तक एक रहस्य ही बना हुआ है । ऐना की डायरी ने उसके मरने के बाद भी लोगों के बीच उसे अमर कर दिया । यह डायरी उसने उन दिनों लिखी थी जब वह अपने परिवार के साथ नाज़ियों से छुप कर एम्स्टर्डम में रह रही थी ।
आज तक यह पता नहीं लग सका कि ऐना और उसके परिवार के एम्स्टर्डम में होने की सूचना नाज़ियों को आखिर दी किसने । ऐना अपने माता पिता और बहन के साथ यहां दो साल से छुपी थी लेकिन एक दिन अचानक उसे उसके परिवार के साथ पकड़ लिया गया । पकड़े जाने के बाद बर्गन-बेलसेन के एकाग्रता शिविर उसकी मौत हो गयी थी ।
यह थे द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े कुछ क़िस्से । ऐसे बहुत से क़िस्से हैं जिनके बारे में आम लोग नहीं जानते । अगर आप चाहते हैं कि हम आपके लिए ऐसे और क़िस्से ले कर आएं तो कृप्या कमेंट बॉक्स में हमें इसके बारे में ज़रूर बताएं। इसके साथ ही आप कमेंट बॉक्स में ये भी बता सकते हैं कि आप इतिहास की कौन सी घटना के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि हम आपकी इच्छा को जल्द पूरा करें ।