1994 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा ने मस्कट की आधिकारिक यात्रा की थी । इस यात्रा के समय ओमान के सुल्तान रहे काबूस बिन सेद उन्हें रिसीव करने गए ।
ये यात्रा कई कारणों से चर्चा में थी । एक दिलचस्प वाकया तब हुआ जब ओमान के राजा काबूस बिन सेद उन्हें लेने खुद गए। और वहां से लाते वक्त प्रोटोकॉल तोड़कर उन्होंने राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की गाड़ी खुद ड्राइव की ।
आश्चर्य की बात ये थी कि उन्होंने ऐसा सिर्फ इसलिए नही किया क्योंकि राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा उस वक्त भारत के राष्ट्रपति थे। उन्होंने मीडिया को एक आश्चर्यजनक बात बताई
ओमान के राजा ने बताया कि उन्होंने भारत के पुणे में शिक्षा प्राप्त की थी। और उस दौरान राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा उनके प्रोफेसर थे । उन्होने श्री शंकर दयाल शर्मा के लिए प्रोटोकाल तोड़ना उचित समझा । उनके हिसाब से ये भारतीय शिक्षक के लिये उनके ह्रदय में सम्मान था ।
भारत मे रहकर पढ़ाई करते हुए ओमान के शासक की बहुत सारी यादे जुड़ी हुई थी। यहां के शिक्षकों के प्रति उनके मन मे सम्मान था।
बता दे कि राष्ट्रपति बनने से पहले स्व शंकर दयाल शर्मा पुणे के एक उच्च संस्थान में प्रोफेसर थे। काबूस के परिवार की कई पीढियां भारत मे पढ़ी है। सुल्तान के पिता ने भी अजमेर के प्रसिद्ध मायो कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की थी। और भारतीयों से उनको विशेष लगाव रहा है । खाड़ी देशों में उन्हें भारत का सहयोगी माना जाता रहा है ।
कबूस अपने पिता सेद बिन तैमूर को 1970 में सत्ता से बेदखल करने के बाद सत्ता पर काबिज हुए थे । ये एक घरेलू सत्ता पलट बताया जाता है। उनके शासन में भारत से ओमान के संबंध प्रगाढ़ हुए।