“ऑपरेशन स्माइल ” !
लगभग 19 हजार बच्चो को गुलामी , बाल मजदूरी और वेश्यावृति से बचाकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने वाला ये ऑपरेशन एक बार फिर चर्चा में तब आया जब शार्क सम्मलेन में गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने “आपरेशन स्माइल” का जिक्र किया !
एसएसपी धर्मेन्द्र सिंह का “ब्रेन चाइल्ड ” माना जाने वाला ये ऑपरेशन तब शुरू हुआ जब धर्मेन्द्र सिंह( वर्तमान नोएडा एसएसपी) गाजियाबाद के एसएसपी थे ,तब उन्होंने 14 सितम्बर 2014 को एक दिन का सर्च ऑपरेशन चलाकर 51 बच्चो को छुडाया था ,इनमे अधिकतर बच्चे ईट भट्टो , छोटे छोटे उधोगो पर बाल मजदूरी करते और भीख मांगते मिले थे , उन्ही 51 बच्चो की दिल छू लेने वाली और डरा देने वाली कहानियों ने एसएसपी धर्मेन्द्र सिंह को इसी तरह लगातार ऑपरेशन चलाने के लिए प्रेरित किया ! ये एक दिन का अनुभव् पूरे डिपार्टमेंट के लिए आँखें खोल देने वाला था ! अगला प्रयास इन बच्चो को सुरक्षित तरीके से इनके माँ बाप के पास पहुचाना था जिसमे कई संस्थाए भी मदद के लिए आगे आई ! एसएसपी धर्मेन्द्र सिंह का ये कदम उम 51 बच्चो के परिवारों के लिए ख़ुशी की सौगात लाया था और जिले की जनता, सामाजिक संस्थाओं ने भी पुलिस के इस कदम को सराहा जिससे धर्मेन्द्र सिंह की अगुवाई में गाज़ियाबाद पुलिस ने इस ऑपरेशन को लगातार चलाये रखने का निर्णय लिया !
इसके लिए बाकायदा टीम बनाई गयी जो लापता बच्चो का डाटा तैयार करने के साथ साथ लगातार आने वाली शिकायतों को भी गंभीरता से सुनती थी और परिजनों की मदद से उनके फोटो और पहचान को सही तरीके से मेन्टेन करती थी ! इससे पहले सबसे बड़ी दिक्कत डिपार्टमेंट में खोये हुए बच्चो की सूचना व्यवस्थित तरीके से नहीं मिल पाती थी ! इसी डाटा की मदद से ऑपरेशन स्माइल के पोस्टर जगह जगह पर चस्पा किये गये , टीम को एक एक फोल्डर दिए गये जिनमे लावारिस मिले बच्चो की तस्वीरे , संस्थाओं के पते , और बच्चो से सम्बंधित जानकारी थी ! पूरा काम इतने व्यवस्थित तरीके से किया जा रहा था जिससे कि छुडाये गये बच्चो को उनके परिजनों तक पहुचाया जा सके ! हालाकि ये काम उतना आसान भी नहीं था क्योकि काफी बच्चे लम्बे समय से घर से लापता थे , लेकिन बेहतरीन टीम प्रबंधन और एक जज्बा जो शायद छुडाये गये बच्चो की मुस्कान ने पुलिस वालो को दिया था , की बदोलत परिवार मिलते गये और मुस्कान लौटती रही !
एसएसपी धर्मेद्र सिंह यादव 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी है और अभी नोएडा के एसएसपी है !
एसएसपी धर्मेन्द्र सिंह ने अपनी टीम का गठन करने में काफी मेहनत की , जिसमे उर्जावान पुलिसवालों को एक नेक कार्य से जुड़ने की भावना के साथ टीम से जोड़ा गया , जिससे ये कार्य उनके लिए सिर्फ डिपार्टमेंट का ना होकर व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक लगाव वाला हो गया! हर किसी के मन में भावना थी कि वे एक ऐसा कार्य कर रहे है जिससे कितनी ही जिंदगियां फिर से मुस्करायेंगी और आम जनता का पुलिस में विश्वास लौटेगा ! टीम के सभी साधारण कपड़ो में रहते थे ताकि अपना कार्य सही से कर सके ! इसके लिए टीम को कई राज्यों में भटकना पड़ा और लगातार कई कई हफ्तों तक भी रहना पड़ा ! इस दौरान ऑपरेशन स्माइल के पोस्टर भी पुलिसवाले लगाते रहे !जहाँ भी टीम जाती वहां का विस्तृत ब्यौरा टीम अपने पास दर्ज कर लेती ! टीम के अंदर पुलिसवालों को विभिन्न संगठनो के माध्यम से ट्रेनिंग दी गयी जिसमे बच्चो के साथ पेश आने का तरीका , उनके परिजनों से जानकारी इकठ्ठा करना और साथ ही अपराधियों से जानकारी उगलवाना भी शामिल था !
टीम एक साथ दोनो कार्य कर रही थी , खोये हुए बच्चो को ढूँढना और छुडाये बच्चो को उनके परिजनों तक पहुचाना ! साथ ही एक स्पेशल ड्राइव भी चलाई गयी जिसमे घरेलु नौकरों का सत्यापन करने के साथ साथ घरो और दुकानों पर काम करने वाले नाबालिग बच्चो की भी जानकारी इकठ्ठा की गयी !
दो हिस्सों में चले इस ऑपरेशन में कुल 553 बच्चो को छुडाया गया जिनमे से 500 से ज्यादा बच्चो को सुरक्षित उनके घर पंहुचा दिया गया जिसकी बदोलत उनके परिजनों के चेहरे की खोयी मुस्कान वापस लौटी !
ऑपरेशन स्माइल की सफलता के बाद गृह मंत्रालय ने इसे देश भर में चलाने का निर्णय लिया जिसकी बदोलत अब तक 19 हजार से ज्यादा बच्चो को उनके परिजनों से मिलाकर उनकी खोयी मुस्कान को वापस लौटाया गया !
ऑपरेशन स्माइल के ऊपर एक डाक्यूमेंट्री भी बनी और एक पुस्तक विमोचन भी किया गया ! “द पॉपुलर इंडियन ” एसएसपी धर्मेन्द्र सिंह के इस नेक कार्य के लिए उन्हें सलाम करता है !
S.K Nagar
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