Thursday, September 19, 2024

6 अरब किलोमीटर दूर से ली धरती की ये तस्वीर काफी है इंसान का घमंड तोड़ने के लिए !

●PALE BLUE DOT●
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14 फरवरी, 1990
स्पेसक्राफ्ट अपने ग्रह से बहुत दूर आ चुका था… ब्रह्माण्ड की गहराइयो में 13 वर्षो से अनवरत यात्रा करता और 40000 मील/घण्टा की रफ़्तार से आगे बढ़ता “वॉयेजर-1” प्लूटो ग्रह की कक्षा को पार कर… बाहरी सोलर सिस्टम की अनकही अँधेरी वादियो में प्रवेश कर रहा था
जून 1977 को पृथ्वी से प्रक्षेपित वॉयेजर 1 को शनि ग्रह के अध्ययन तक के लिए डिज़ाइन किया गया था.. शनि ग्रह की कक्षा को पार करने के बाद.. प्रसिद्ध वैज्ञानिक “कार्ल सगन” की सलाह पर… वॉयेजर द्वारा एक आखिरी फोटो लेने का निश्चय किया गया
6 अरब किलोमीटर दूर मौजूद…
इंसानो की दुनिया का फोटो !!!
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तकनीकी कारणों से इन्तजार किया गया जब तक कि वॉयेजर ने 1986 में युरेनस तथा नेप्च्यून और 1989 में प्लूटो ग्रह की कक्षा को पार नहीं कर लिया
फिर…
फाइनली 14 फरवरी, 1990 को पृथ्वी से एक कमांड… रेडियो वेव्स के रूप में…. पृथ्वी से 6 अरब किलोमीटर दूर वॉयेजर को भेजी गई
कमांड पाकर… वॉयेजर ने आहिस्ता से अपने कैमरा को वापस… “इंसानो की दुनिया” यानी अपनी मातृभूमि की ओर मोड़ा
और… One By One फ़ोटो लेने शुरू किये.. और डाटा को वापस पृथ्वी की ओर… रेडियो वेव्स के रूप में भेज दिया
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वॉयेजर द्वारा भेजी हर इमेज.. 640000 पिक्सेल से बनी हुई थी… जिन तस्वीरो को कैलिफोर्निया, स्पेन और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद प्रयोगशालाओ में डिटेक्ट किया गया
और… कुछ आवश्यक प्रोसेसिंग के बाद… इस फोटो को पब्लिक रिलीज किया गया !!!
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कार्ल सगन जानते थे कि… इस दूरी से पृथ्वी इस विशाल ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक पिक्सेल यानी पीली रौशनी के धब्बे से ज्यादा नहीं दिखेगी… फिर भी ये तस्वीर जरुरी थी
क्योंकि ये तस्वीर… महान ब्रह्माण्ड की विशालता के सामने… हमारी वास्तविक हैसियत हमें दिखा सकती थी
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इस तस्वीर में… वॉयेजर से टकरा कर रिफ्लेक्ट हुए सूर्य की किरणों के बैकग्राउंड में मौजूद पृथ्वी को देखने पर पृथ्वी के कुछ ख़ास होने का एहसास होता है
लेकिन वास्तव में… सूर्य अपना रेडिएशन हर दिशा में बराबर मात्रा में फेंकता है
इसलिए ये इफ़ेक्ट… ज्योमेट्री और ऑप्टिक्स का एक साइड इफ़ेक्ट मात्र है
अगर ये फोटो थोड़ा पहले या बाद में ली गई होती.. तो ये इफ़ेक्ट दिखाई नहीं पड़ता
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इस फोटो में… पृथ्वी के साथ 5 अन्य ग्रह भी तस्वीर में मौजूद हैं
लेकिन.. सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह “बुध” सूर्य की किरणों के कारण छुप गया है
मंगल तथा प्लूटो अपने अपेक्षाकृत छोटे साइज़ के कारण ठीक से विज़िबल नहीं हैं
और युरेनस तथा नेप्च्यून… बहुत ज्यादा डिम होने के कारण अंधेरो में खो गए है
इस दूरी से पृथ्वी भी… एक मध्यम रौशनी के जीर्ण धब्बे के अलावा कुछ भी प्रतीत नहीं होती
ऐसे ना जाने रौशनी के कितनो असंख्य बिंदु… हम इंसान… हमारे सर के ऊपर मौजूद आसमान में युगों युगों से देखते आये हैं
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लेकिन हम इंसानो के लिए.. रौशनी के इस धब्बे की अहमियत कुछ और है
एक बार फिर से इस तस्वीर में मौजूद रौशनी के पीले नीले धब्बे (Pale Blue Dot) को देखिये
That’s Home ! That’s Us !
That’s All Of Us !!!!

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हर वो इंसान जिससे आप प्यार करते हैं
हर वो इंसान… जिससे आप नफरत करते हैं
हर वो इंसान… जो भविष्य में जन्म लेंगे
और… भूतकाल में पैदा हुए सभी इंसानो ने अपनी जिंदगी… इसी दुनिया पर जी है !!!
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हमारी ख़ुशी की किलकारियां, हमारे गमो की सिसकिया… सिर्फ और सिर्फ इसी दुनिया पे गूंजती हैं !!!
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दुनिया का हर गाना, शेरो शायरी, गजलें, स्कूल में छुट्टी के लिए दी गई ऍप्लिकेशन्स, बिज़नेस प्रपोसल्स, धार्मिक किताबे, आध्यात्मिक ग्रन्थ और मजहब के नाम पर खून की नदियां बहाने वाली किताबे… इसी दुनिया पर लिखी गई है
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दुनिया का हर नेता, हर नायक, हर पापी, हर भ्रष्ट आदमी, अपनी औलादो का पेट भरने के लिए तपती दोपहरी में हाड तोड़ मेहनत करते बाप, दो रोटी की तलाश में भूखे सोती मासूम निगाहें और अपने आलीशान महलो में गरीबो की खून पसीने की कमाई के बल पर आरामदेह बिस्तरों पर सोते इंसान… इसी दुनिया पर पाये जाते हैं !!!
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याद कीजिये इतिहास के भीषण नरसंहार से रक्तरंजित उन काले पन्नों को… जिन्हें कुछ इंसानो ने मासूमो के खून से रंग दिया
ताकि वे… इस रौशनी के मामूली धब्बे की कुछ गज जमीन पर अपने मजहब का परचम लहरा पाएं !!
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याद कीजिये उन बड़बोले मजहबो की गलतफहमियों को… जिन्होंने इंसानो को ज़िंदा जला दिया
ताकि… इस असीम ब्रह्माण्ड को जानने का दावा करती उनकी मूर्खतापूर्ण किताबो पर कोई उंगली ना उठा पाये !!!
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ये तस्वीर चुनौती देती है… इंसान के उस घमण्ड को… जो घमंड इंसानो को ब्रह्माण्ड में उनके सर्वश्रेष्ठ और सर्वज्ञाता होने का झूठा एहसास कराता है
ये तस्वीर…हमें एहसास दिलाती है
ब्रहमाण्ड की विशालता के सामने… अपने छोटेपन का !!!
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मजहब और साम्राज्यवाद के नाम पर… नाभिकीय हथियारों के दम पर अपना और पृथ्वी के अस्तित्व को मिटा देने पर तुले इंसानो के लिए मदद… इस ब्रह्माण्ड की गहराइयो से किसी अवतार, पैगम्बर अथवा ईशदूत के रूप में आएगी… इसकी उम्मीद कम ही है !!!
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ये तस्वीर हमारे लिए एक रिमाइंडर है… आपसी मतभेदों को भूल कर ये एहसास करने के लिए
कि… “हम एक हैं”
We Are One Planet !!!!
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ये ब्रह्माण्ड अथाह और हमारी उम्मीदों से परे विशाल है
कार्ल सगन के शब्दों में… अगर आपको… रैंडमली गायब कर के… ब्रह्माण्ड के किसी हिस्से में प्रकट कर दिया जाए
तो.. सिर्फ 1 In 10^30 (1 followed by 30 zero) चांस है कि… आप पृथ्वी जैसे किसी ग्रह के नजदीक खुद को पायेगे !!!
Worlds Are Precious !!!!
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Earth Is A Tiny, Fragile World
Only Home To Us…
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It Needs To Be Cherished !!!
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(From The Lectures Of Great Scientist Carl Sagan)

– विजय सिंह ठकुराय “झकझकिया ”

 

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