Tuesday, December 10, 2024

मानवता की रक्षा के लिए ठंडी जलधारा के नीचे बैठकर तप कर रहे साधू

हिंदुस्तान की पहचान यहां की संस्कृति और सनातन पद्धति से होती है। आदिकाल से यहां ऋषि-मुनि, साधू-संत मानव के कल्याण के लिए घोर तप करते आए हैं। इसका प्रमाण एक बार फिर देश के संत ने दिया है। अपने संतत्व का पालन करते हुए एक साधू ने दुनिया को कोरोना रुपी अदृश्य दुश्मन से मुक्त कराने के लिए कठोर तप करने का निर्णय लिया है।

41 दिनों तक करेंगे तपस्या

बता दें, नाथ पंथ के बाबा अनिल नाथ ने मानव जीवन के कल्याण के लिए इस कंपा देने वाली सर्दी के बीच ठंडी जलाधारा के नीचे बैठकर तप करने का प्रण लिया है। उन्होंने दावा किया है कि 41 दिनों तक वे इस ठंडी जलधारा के नीचे बैठकर तपस्या करेंगे। वे ये सब दुनिया को कोरोना से मुक्त कराने के लिए कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के अकबरपुर माजरा रोड स्थित एक मंदिर में अनिल नाथ इन दिनों तपस्या कर रहे हैं। उनका कहना है कि जितनी कठिन तपस्या होगी उतनी ही जल्दी फल मिलेगा। यही कारण है कि वे इतनी ठंड होने के बावजूद ठंडी जलधारा के नीचे बैठकर  तपस्या कर रहे हैं।

गौरतलब है, आसपास के क्षेत्र में जैसे ही संत के इस कारनामे की खबर फैली तुरंत ही लोगों का वहां जमावड़ा लगने लगा। लोग बाबा के दर्शन के साथ-साथ उनका समर्थन कर रहे हैं।

देश में बढ़ रहा कोरोना का कहर

मालूम हो, देश में कोरोना रुपी घातक महामारी ने एक बार फिर अपना कहर बरपाना शुरु कर दिया है। भारत में इस वक्त कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। जिसकी वजह से रोजाना कोविड के 3 लाख से धिक मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सभी राज्य सरकारों ने एहतियात बरतना शुरु कर दिये हैं। ज्यादातर प्रदेशों में रात्रि कर्फ्यू जैसे कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं। इसके अलावा स्कूल, कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है। सार्वजनिक जगहों पर लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही है। इसके अलावा सरकारें मास्क और सेनेटाइजर के नियमित उपयोग के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।

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