हेलो ब्रदर : लोगों को अरबाज के मरने पर अफसोस नही होता
सलीम खान बॉलीवुड के प्रसिद्ध लेखक हुआ करते थे। उनके साथी हुआ करते थे जावेद अख्तर। दोनों की जोड़ी ने शोले और दीवार जैसी सुपरहिट फिल्में साथ में लिखी थी। सलीम खान के तीन बेटे हैं और तीनों ने साथ में मिलकर एक फ़िल्म बनाई थी ‘हेलो ब्रदर’ जो वर्ष 1999 में रिलीज हुई थी।
क्या थी हेलो ब्रदर की कहानी
हेलो ब्रदर में सलमान के किरदार का नाम था हीरो। हीरो एक कुरियर कंपनी में खन्ना के लिए काम करता है। अरबाज खान इसमें एक इंस्पेक्टर बने थे। इंटरवेल में खन्ना नामक विलन, हीरो और इंस्पेक्टर दोनों को गोली मार देता है। सलमान का किरदार मर जाता है और अरबाज खान को हार्ट की ज़रूरत होने पर सलमान का हार्ट उसे दे दिया जाता है। इसके बाद सलमान भूत बन जाते हैं और खन्ना को मरते हुए देखना उसकी आखिरी ख्वाहिश बन जाती है।
क्या थी सलीम खान की सलाह
एक शो में जब सलीम खान को इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बड़ा मजाकिया जवाब दिया। हेलो ब्रदर के निर्देशक सोहेल खान थे और फ़िल्म बनने के पहले पिता को स्क्रिप्ट दिखाई तो उन्होंने कुछ इनपुट दिए थे। सलीम खान कहते हैं कि इंटरवेल में सलमान को गोली लगी तो सभी दर्शक भाग गए। सलमान बड़े चेहरे थे इस वजह से लोग उन्हें मरता देख सीट छोड़कर चले गए। अगर सलमान की जगह अरबाज को गोली लगती तो सलमान के कारण लोग पूरी फिल्म देखते और यह फ़िल्म हिट हो जाती। वे हंसते हुए बोले कि लोग अरबाज को मरते हुए देख सकते थे सलमान को नही।
फ़िल्म के गाने आज भी हैं पॉपुलर
इस फ़िल्म में भाईजान का किरदार बेहद मजाकिया था। उन्होंने इसमें ‘चांदी की डाल पर सोने का मोर’ वाला गाना भी गाया था। हर वर्ष मटकी फोड़ के वक़्त ये गाना सुनने को मिल ही जाता है। हिमेश रेशमिया इस फ़िल्म के म्यूजिक निर्देशक थे। इसकी कोरियोग्राफी भी कमाल की थी। रानी मुखर्जी भी इसमें कमाल की लगी थी। ‘हटा सावन की घटा’ गाना भी युवाओं के बीच लोकप्रिय रहा था। कमी सिर्फ वहीं रह गई जहां सलीम खान ने बताई। अगर सलीम खान की ये सलाह भी उनके बेटे मान लेते तो हेलो ब्रदर के बारे में बात करने से उन्हें बचना नही पड़ता।
हेलो ब्रदर के निंजा चाचा को खूब पसंद करते थे बच्चे
जब हेलो ब्रदर डीवीडी और टीवी पर आने लगी तो उसके कई किरदार लोगों को खूब हँसाते थे। खासतौर पर बच्चों को निंजा चाचा का किरदार बहुत पसंद आया था। कॉमेडियन रज़ाक खान ने निभाया था निंजा चाचा का किरदार। वहीं जॉनी लीवर और नीरज वोरा के सीन भी इंट्रेडीटिंग थे। शक्ति कपूर विलन के रूप में साधारण थे। ये फ़िल्म देखकर ऐसा भी लगता है कि तीनों भाइयों ने कहीं हॉलिडे मनाते-मनाते ये फ़िल्म भी बना ली।
निर्देशक के रूप में असफल रहे सोहेल खान
निर्दर्शक के तौर पर सोहेल खान ने 6 फिल्में बनाई हैं। 2016 में आई फ्रीकी अली के बाद से उन्होंने निर्देशक के रूप में किसी भी फ़िल्म की घोषणा नही की है। भाईजान के साथ उन्होंने पिछली बार ट्यूबलाइट में अभिनय किया था। हाल ही में वे अपनी पत्नी सीमा के साथ तलाक को लेकर चर्चा में थे।