हाल ही में 53 वर्ष की उम्र में महशूर गायक केके ( Singer KK )का निधन हो गया है। केके का पूरा नाम कृष्णकुमार कुन्नाथ है और उन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम तथा कई भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं। ‘दिल इबादत’, आंखों में तेरी, खुदा जाने, ज़रा सा दिल में, तड़प तड़प के, क्या मुझे प्यार है और तू ही मेरी शब है, उनकी सुपरहिट गीतों में से एक है।
विज्ञापनों में जिंगल्स गाकर की थी करियर की शुरुआत
केके को बचपन से ही म्यूजिक का शौक रहा था। वे कैसेट पर गाना सुना करते थे। संगीत में इतनी रुचि होने के बावजूद उन्होंने कभी इसकी तालीम नही ली थी। उनके आवाज़ में एक अलग ही जादू था जो लोगों को खींच लेती थी। शादी के बाद वे मार्केटिंग में काम करने लगे थे लेकिन उस काम मे मन नही लगा तो गायकी की तरफ बढ़ने का सोचा। शुरू में उन्होंने विज्ञापनों के लिए दो-चार लाइन्स गाने शुरू किए, जिन्हें जिंगल्स कहा जाता है। उन्होंने हज़ारों जिंगल्स रिकॉर्ड किए।
गुलज़ार की फ़िल्म में मिला पहला मौका
गुलज़ार निर्देशित माचिस में उन्हें संगीतकार विशाल भारद्वाज ने पहला मौका दिया था। जिंगल्स गाने से उनको इंडस्ट्री के लोग पहचानने लगे थे। इस फ़िल्म के गाने ‘छोड़ आए हम वो गालियाँ’ में उन्हे हरिहरन, सुरेश वाडकर और विनोद सहगल के साथ गाने का मौका मिला था। हालांकि इस गाने में उनके लायक ज्यादा कुछ नही था। उसके बाद उन्होंने ए आर रहमान की फ़िल्म के लिए गाना गाया।
‘तड़प-तड़प’ बना करियर का टर्निंग पॉइंट
हम दिल दे चुके सनम फ़िल्म के इस गाने के लिए संगीतकार इस्माइल दरबार ने केके को चुना। इस गाने ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। जो दर्द गाने को चाहिए था वो केके ने अपनी आवाज़ से क्रिएट करके दिखा दिया था। इस गाने को उनकी झोली में डालने के लिए वे इस्माइल जी के हमेशा शुक्रगुजार रहे। संजय भंसाली की यह फ़िल्म सुपरहिट रही थी और फ़िल्म के सभी गाने युवाओं के बीच प्रसिद्ध थे।
जब डबल मीनिंग लिरिक्स के चलते रिकॉर्डिंग छोड़कर आ गए थे केके
अपने एक साक्षात्कार में केके ने बताया कि उन्हें एक नए संगीतकार ने रिकॉर्डिंग के लिए बुलाया। वे पहुँचे और गाने लगे तब उन्हें एहसास हुआ कि लिरिक्स में डबल मिंनिंग है। वे तुरंत रिकॉर्डिंग छोड़कर चले आए। वे कभी भी अपने उसूलों और गायकी के साथ समझौता नही करते थे। बाद में उस संगीत निर्देशक ने गाने के बोल बदलकर केके को फिर से बुलाया तब उन्होंने वह गाना गाया। केके ने कभी भी उस संगीत निर्देशक का नाम पब्लिक नही किया क्योंकि वह भी नया-नया आया था और निर्माता की वजह से चुप बैठा था।
उनके गाने आज के गानों से हटकर होते थे। उनके आवाज़ की मिठास को लोग पसंद करते हैं। उस वक़्त जब रीमेक गानों का दौर नही था तब केके जैसे सिंगर लिरिक्स के साथ न्याय कर पाते थे। इन दिनों के कुछ गाने ऐसे होते हैं कि आप अपना सिर पकड़ लें। वे कई युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं।