Sunday, September 15, 2024

कहानी उस पहलवान की जिसकी प्रशंसा खुद ब्रूस ली किया करते थे, 10 साल की उम्र में लगाता था 500 बैठक

 

 

दुनिया में कई पहलवान हुए हैं जिनके किस्से हम सबकी जेहन में कैद हैं. पहलवानी के किस्सों का जब भी जिक्र किया जाएगा तो एक पहलवान का नाम हमेशा लिया जाएगा जिसे हम सब गामा पहलवान के नाम से जानते हैं. एक ऐसा पहलवान जिसने दुनियाभर में नाम कमाया और जो रोजाना 10 साल की उम्र में 500 बैठकें लगाया करता था. इस पहलवान की प्रशंसा खुद ब्रूस ली किया करते थे.

 

 

10 वर्ष की उम्र में मिली पहचान-

गामा पहलवान का असली नाम गुलाम मुहम्मद बख्श दत्त था. इनका जन्म अमृतसर में 1878 में हुआ था. गामा पहलवान को उनकी पहली प्रसिद्धि महज 10 वर्ष की उम्र में मिल गई थी. दस वर्ष की उम्र से ही गामा उठक बैठक लगाया करते थे. इस उम्र में वो रोजाना 500 बैठकें लगा दिया करते थे. यह रोजाना का उनका तय नियम था जिसे वो फॉलो करते ही थे. साल 1888 में एक बैठक प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें देशभर के जाने माने 400 पहलवानों ने हिस्सा लिया। इसमें गामा पहलवान भी शामिल हुए इस प्रतियोगिता में उनको जीत हासिल हुई. गामा पहलवान की ख्याति यहाँ से बढ़ने लगी और उनकी प्रसिद्धि भी बढ़ी. लोग उन्हें जानने और लोगों की नजरों में इनके प्रति सम्मान और अधिक बढ़ने लगा.

 

 

 

उठाया 1200 किलो का पत्थर-

हम और आप अगर वजन उठाने में आएं तो अधिकतम कितना उठा लेंगे। आज की पीढ़ी तो दस बीस किलो में ही सिमट जाए लेकिन गामा पहलवान की बात अलग थी. कहा जाता है कि साल 1902 में गामा पहलवान ने 1200 किलो का पत्थर उठा लिया था. यह पत्थर आज भी बड़ौदा के म्यूजियम में सुरक्षित रखा हुआ है ताकि आगे आने वाली पीढ़ियां गामा पहलवान के इस कारनामे के बारे में जान सकें। इसके बाद साल 1910 में गामा पहलवान को वर्ल्ड हेवीवेट टाइटल दिया गया था. यह अपने आप में एक बड़े सम्मान की बात होती है.

 

 

7 फ़ीट लम्बे पहलवान को हराया-

गामा पहलवान से जुड़े कई किस्से हैं जिसमें से एक ये भी है की उन्होंने 7 फ़ीट लम्बे एक पहलवान को हराया था. इस पहलवान का नाम था रहीम बख्श सुल्तानीवाला। रहीम की लम्बाई 7 फीट थी और गामा पहलवान की लम्बाई 5 फ़ीट 8 इंच थी. यानी आप अंदाजा लगा सकते हैं की दोनों के बीच एक अच्छा खासा अंतर था. दोनों के बीच एक मुकाबला हुआ जिसमें तीन बार मैच ड्रॉ हुआ और चौथी बार गामा पहलवान को विजय मिली। यानी गामा पहलवान ने अपने से लम्बे पहलवान को चित कर दिया।

जीवन के आखिरी दिन लाहौर में गुजारने वाले गामा पहलवान को प्रिंस ऑफ वेल्स ने एक चांदी की गदा भेंट की थी. गामा पहलवान का निधन साल 1960 में लाहौर में हो गया था.

Ambresh Dwivedi
Ambresh Dwivedi
Writer, news personality
Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here